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योगी आदित्यनाथ का 'रावण-दुर्योधन डीएनए' वाला बयान: क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि जाति, क्षेत्र और भाषा के आधार पर समाज को बांटने वालों में रावण और दुर्योधन का डीएनए है। यह बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले नारे से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे विपक्षी दल खासे नाराज हैं। आइये, इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।

योगी का 'रावण-दुर्योधन डीएनए' वाला बयान: क्या है पूरा मकसद?

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दिए अपने भाषण में कहा कि कुछ लोग जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर समाज में अराजकता फैलाते हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि ऐसे लोगों में रावण और दुर्योधन का डीएनए काम कर रहा है। यह बयान सीधे तौर पर उन लोगों पर निशाना साधता है जो सामाजिक फूट फैलाने का काम करते हैं। योगी जी ने अपने इस बयान के माध्यम से एक मजबूत संदेश दिया है कि सामाजिक एकता और भाईचारे के खिलाफ किसी भी प्रकार की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बयान का राजनीतिक आयाम

योगी आदित्यनाथ का यह बयान वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के संदर्भ में भी काफी महत्वपूर्ण है। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह बयान विपक्षी दलों पर एक कड़ा प्रहार है। विपक्षी दल इस बयान को लेकर सरकार पर हमलावर हैं और इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के समर्थक इस बयान को सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं।

'बंटेंगे तो कटेंगे' नारा और विपक्ष की प्रतिक्रिया

योगी आदित्यनाथ के बयान को 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले नारे से जोड़कर देखा जा रहा है। यह नारा पहले भी कई विवादों का कारण बन चुका है। विपक्षी दल इस नारे और योगी के ताज़ा बयान दोनों को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सपा समेत अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर पोस्टर वार भी कर रहे हैं। लखनऊ में जगह-जगह विपक्षी दलों द्वारा पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।

विपक्ष का पक्ष

विपक्ष का कहना है कि यह बयान भड़काऊ है और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ सकता है। उनका तर्क है कि सरकार को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जो सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकते हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार को विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए ना कि ऐसे बयानों पर जो राजनीतिक लाभ के लिए दिए जा रहे हैं।

अयोध्या में दीपोत्सव और विकास परियोजनाएं

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान एक नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने वनटांगिया गांव का दौरा कर वनवासियों के साथ दीपावली मनाई और जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 185 करोड़ रुपये की 74 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम सामाजिक सद्भाव और विकास के संदेश का प्रतीक है।

विकास कार्यों पर ज़ोर

सरकार का कहना है कि विकास के कामों पर ज़ोर दिया जा रहा है। अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन के साथ-साथ कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करना इसी दिशा में एक प्रयास है। सरकार का मानना है कि विकास के माध्यम से ही सामाजिक सद्भाव बनाए रखा जा सकता है।

Take Away Points

  • योगी आदित्यनाथ का 'रावण-दुर्योधन डीएनए' वाला बयान राजनीतिक विवादों का कारण बना है।
  • विपक्षी दल इस बयान को लेकर सरकार पर हमलावर हैं।
  • सरकार का कहना है कि यह बयान सामाजिक एकता और विकास के लिए है।
  • अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।