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Viral news:- आज के समय मे जानवरों से प्रेम करने वाले कई लोग मिल जायेगे। लेकिन बिहार के समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड के शेरपुर दियारा निवासी नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत पर कुछ ऐसा किया है कि वह इस समय हर ओर से सराहना के पात्र बने हुए है। असल मे नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत पर उसका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाजों के आधार पर किया और जानवर को लेकर अपने असीम प्रेम की मिशाल कायम की। 

नरेश साह 12 साल पहले अपने कुत्ते को घर लाए थे। कुत्ते की मौत पर उन्हें काफी दुख हुआ और उन्होंने अपने कुत्ते की शव यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली। कुत्ते की मौत पर उसे दिए सम्मान के लिए नरेश साह की हर ओर तारीफ हो रही है। नरेश ग्रामीण चिकित्सक है वह कहते हैं कि उन्होंने 12 साल पहले इस विदेशी नस्ल के कुत्ते को खरीदा था। यह उनके परिवार का हिस्सा था इसे उन्होंने बचपन से बड़े प्यार से पाला। यह पूरे परिवार का प्रिय था। सभी लोगो ने मिलकर उंसे अंतिम विदाई देने के बारे में सोचा। 
परिवार के साथ के बाद जब टोनी की अंतिम विदाई की गई तो अर्थी बनाई गई और सभी हिन्दू रीति रिवाजों के आधार पर गाजे बाजे के साथ उसको अंतिम विदाई दी गई। टोनी की अंतिम यात्रा में उससे लगाव रखने वाले बहुत सारे लोग शामिल हुए। गंगा की सहायक वाया नदी किनारे टोनी को दफनाया गया। उन्होंने कहा टोनी सिर्फ एक कुत्ता नहीं उनके परिवार का रक्षक था वह वफादार था। 
नरेश ने अपने कुत्ते की शव यात्रा के लिए सारे इंतजाम किए। एक ठेले पर उसका शव रखा। शव पर फूल मालाएं और कफन से कुत्ते के शव को लपेट कर रखा। साउंड सिस्टम भी ठेले पर ही लगाया। फिर क्या था, जहां-जहां से ये शव यात्रा निकली, लोग जुड़ते चले गए। नरेश ने बताया कि उसके लिए ये कुत्ता काफी भाग्यशाली था। वो कुत्ता जब से उसके घर आया था, तब से काफी तरक्की हुई।