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भारत-कनाडा संबंधों में लगातार गिरावट आ रही है, और इसी बीच कनाडा की एक संसदीय समिति भारतीय सरकार द्वारा कनाडा के आंतरिक मामलों में कथित हस्तक्षेप के नए आरोपों की जांच करने की तैयारी कर रही है। इन दावों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप राजनयिकों के आपसी निष्कासन और कूटनीतिक संबंधों में और अधिक खिंचाव हुआ है। शुक्रवार को हुई एक आपात बैठक में, सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर स्थायी समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर भारत सरकार के एजेंटों द्वारा किए गए ‘चुनावी हस्तक्षेप और हिंसक आपराधिक गतिविधियों’ पर एक अध्ययन शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। यह निर्णय हाल ही में रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) द्वारा किए गए खुलासों के बाद आया है, जिन्होंने सोमवार को खुलासा किया था कि उनके पास भारतीय सरकारी एजेंटों द्वारा कथित रूप से रची गई आपराधिक गतिविधियों के बारे में पर्याप्त जानकारी है।

कनाडा में भारतीय हस्तक्षेप के आरोप

आरसीएमपी का खुलासा और संसदीय समिति की जांच

ग्लोबल न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनडीपी सांसद एलिस्टेयर मैकग्रेगर ने जांच शुरू करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे समिति के मतदान में संशोधन करने के बाद मंजूरी दे दी गई। मैकग्रेगर ने स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि आरसीएमपी या किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी के लिए एक सक्रिय जांच के दौरान इस तरह की विस्फोटक जानकारी का खुलासा करना मामले की गंभीरता को दर्शाता है। समिति की योजना प्रमुख अधिकारियों, जिसमें विदेश मंत्री मेलाइनी जोली, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक, आरसीएमपी कमिश्नर माइक ड्यूहेम और राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नथाली ड्रौइन को आमंत्रित करने की है।

प्रधानमंत्री ट्रूडो का आरोप और राजनयिक तनाव

प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर एक ‘बड़ी गलती’ करने का आरोप लगाया है, अगर यह साबित हो जाता है कि दिल्ली पिछले साल कनाडा की धरती पर एक सिख अलगाववादी नेता की मौत के लिए जिम्मेदार थी, तो कनाडा इसे अनदेखा नहीं कर सकता। ट्रूडो की यह टिप्पणी कनाडा के अधिकारियों द्वारा सोमवार को भारत पर कनाडा में भारतीय असंतुष्टों के खिलाफ हत्याओं, जबरन वसूली और अन्य हिंसक कार्यों में शामिल होने के आरोप लगाने के दो दिन बाद आई है। कनाडा के आरोपों के बाद, दोनों देशों ने वरिष्ठ दूतों और राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, जिससे पहले से ही बढ़ा हुआ तनाव और बढ़ गया।

भारत का जवाब और दोनों देशों के बीच तनाव

कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने कड़ा जवाब दिया है, इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए उन्हें निराधार और आधारहीन बताया गया है। भारत ने कनाडा पर आरोपों के पीछे राजनीतिक उद्देश्यों के होने का आरोप लगाया है। दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव कई स्तरों पर चिंता का विषय है। यह द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुँचा सकता है, जिसका व्यापार, आर्थिक सहयोग और दोनों देशों के नागरिकों के लिए नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। यह स्थिति वैश्विक स्तर पर भी चिंता का कारण है क्योंकि इससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है और विश्व शांति को खतरा हो सकता है।

व्यापक परिणाम और अंतरराष्ट्रीय चिंता

इस घटनाक्रम से भारत और कनाडा के बीच के संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से अच्छे संबंध रहे हैं। लेकिन हाल ही में हुए घटनाक्रम ने इन संबंधों में विशाल तनाव उत्पन्न किया है। यह तनाव केवल राजनयिक स्तर पर ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के नागरिकों को भी प्रभावित कर सकता है।

आगे का रास्ता और संभावित समाधान

इस संकट को हल करने के लिए, दोनों देशों को शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति का सहारा लेना होगा। आरोपों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। भारत और कनाडा को अपनी रणनीतिक साझेदारी को बचाने और अपने मूल हितों की रक्षा के लिए सामान्य जमीन ढूँढनी होगी। यह जरूरी है कि दोनों पक्ष तनाव कम करने के लिए सक्रिय प्रयास करें और किसी भी प्रकार के हिंसक या आपराधिक व्यवहार से परहेज करें। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी इस मामले में मध्यस्थता की भूमिका निभाते हुए दोनों देशों के बीच बातचीत को बढ़ावा देने के लिए पहल करनी चाहिए।

तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता

कनाडा और भारत के बीच तनाव के बढ़ने से दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी हुई है। इस परिस्थिति को सुधारने के लिए कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से संचार बढ़ाने की ज़रूरत है। दोनों देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि संवाद के द्वारा ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और हिंसा से बचना चाहिए।

निष्कर्ष और आगे का मार्ग

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंधों से दोनों देशों के आर्थिक और राजनयिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं। इस स्थिति को सुलझाने के लिए दोनों देशों को एक साथ मिलकर काम करना होगा। दोनों देशों को शांतिपूर्ण संवाद के माध्यम से इस मामले को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने के प्रयास करने चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इस संबंध में मध्यस्थता की भूमिका निभा सकता है।

मुख्य बातें:

  • कनाडा की संसदीय समिति भारतीय सरकार द्वारा कनाडा के आंतरिक मामलों में कथित हस्तक्षेप की जांच करेगी।
  • आरसीएमपी ने भारतीय सरकारी एजेंटों द्वारा कथित आपराधिक गतिविधियों के बारे में जानकारी का खुलासा किया है।
  • कनाडा ने भारत पर कनाडा में भारतीय असंतुष्टों के खिलाफ हिंसक कार्यों में शामिल होने का आरोप लगाया है।
  • दोनों देशों ने आपसी रूप से राजनयिकों को निष्कासित किया है।
  • दोनों देशों को इस संकट को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति का सहारा लेना चाहिए।