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जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज का भारत दौरा: मजबूत होती भारत-जर्मनी दोस्ती

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत का दो दिवसीय दौरा किया। यह दौरा 7वें अंतर सरकारी परामर्श (IGC) के हिस्से के रूप में हुआ, जिसका उद्देश्य भारत और जर्मनी के बीच पहले से ही मजबूत संबंधों को और मजबूत बनाना था। शोल्ज के इस दौरे ने दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण संभावनाओं को उजागर किया। इस दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें और समझौते हुए जिससे भारत-जर्मनी संबंधों को नई ऊंचाई मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता

मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता भारत और जर्मनी के बीच के मजबूत और गहरे संबंधों को और अधिक मजबूत करने पर केंद्रित थी। दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग, निवेश, तकनीकी नवाचार, सुरक्षा और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। वार्ता में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कौशल विकास और सतत विकास जैसे विषयों पर भी विचार विमर्श हुआ। यह बैठक दोनों देशों के बीच मौजूदा सहयोग के स्तर को आगे बढ़ाने और भविष्य के सहयोग के रास्ते तलाशने में महत्वपूर्ण साबित हुई।

व्यापार और निवेश में वृद्धि पर ध्यान

वार्ता के दौरान, भारत और जर्मनी के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत हैं, लेकिन दोनों नेताओं ने भविष्य में व्यापारिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की। इसके लिए नई नीतियों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और निवेश पारिस्थितिकी तंत्र को और बेहतर बनाने पर चर्चा की गई। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक विकास को गति दे सकता है।

जर्मन व्यापार सम्मेलन का उद्घाटन

भारत-प्रशांत क्षेत्र में जर्मनी की बढ़ती भागीदारी

प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज ने संयुक्त रूप से 18वें एशिया-प्रशांत जर्मन व्यापार सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में 650 से अधिक जर्मन, भारतीय और अन्य देशों के व्यापारिक नेताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में जर्मनी के आर्थिक सहयोग को और मजबूत बनाना था। चांसलर शोल्ज ने अपने संबोधन में भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस क्षेत्र में जर्मनी की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया और भविष्य में और अधिक सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया।

सतत विकास और तकनीकी नवाचार पर चर्चा

सम्मेलन में सतत विकास, नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा हुई। जर्मनी अपनी उन्नत तकनीकों और सतत विकास के अनुभव का भारत के साथ साझा करने के लिए तत्पर है। यह सहयोग भारत के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक हो सकता है। दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

सुरक्षा और रक्षा सहयोग

क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक चुनौतियों पर विचार विमर्श

भारत और जर्मनी के बीच सुरक्षा और रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भी चर्चा हुई। दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक चुनौतियों जैसे आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और साइबर सुरक्षा पर अपने विचार साझा किए। दोनों नेताओं ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई। यह सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक शांति के लिए महत्वपूर्ण है।

रक्षा उद्योग सहयोग

भारत और जर्मनी के बीच रक्षा उद्योग में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ। दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों के आदान-प्रदान और संयुक्त शोध और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के अवसर तलाशे गए। यह सहयोग दोनों देशों की रक्षा क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

मुख्य बिंदु:

  • जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के भारत दौरे ने भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है।
  • दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
  • एशिया-प्रशांत जर्मन व्यापार सम्मेलन 2024 ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में जर्मनी की भागीदारी को और मजबूत बनाया है।
  • भारत और जर्मनी ने क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को मजबूत करने पर भी जोर दिया है।