विकास कुमार गौतम
कौशाम्बी – मुहम्मद साहब के नवासे ईमाम हुसैन की शहादत के 40 दिन बाद उनका चेहल्लुम पूरी दुनिया मे बड़ी अकीदत और धूमधाम के साथ मनाया जाता है इसी कड़ी में कौशाम्बी जनपद के दारानगर गांव में अंजुमन मुखतरिया अहले सुन्नत की जानिब से अंजुमन असदिया सय्यदवाड़ा के संरक्षण में एक जुलूस चेहल्लुम हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़ी अकीदत के साथ उठाया गया।
इसके बाद अंजुमन असदिया दारानगर ने जंजीर और कमें का मातम दारानगर चौराहे पर किया। इस मौके पर आफाक परवेज़, ग़ुलाम अब्बास, बाकर रिज़वी ने अपने अंदाज में नौहाख्वानी की फिर अंजुमन असदिया के सदर जनाब असद सग़ीर साहब ने तक़रीर पेश की उन्होंने बताया इमाम हुसैन ने इंसानियत के खातिर अपनी कुर्बानी पेश की इस्लाम धर्म शांति और भाईचारे पर विश्वास करता है ।इमाम हुसैन को यज़ीदी फौज ने 3 दिन का भूखा प्यास शहीद कर दिया था आज पूरा विश्व उनकी याद को मना रहा है।
इराक जहा इमाम हुसैन शाहीद हुए है चेहलुम के दिन 6 करोड़ से अधिक लोग इकठ्ठा होते है जो बताते है कि सत्य सदैव जीता है। सय्यदवाड़ा दारानगर पहुच कर अंजुमन असदिया के साहिबे ब्याज़ जनाब बाकर रिज़वी साहब ने अल्वेदाई नौहा पडा। इस जुलूस में जनाब कासिम हुसैन साहब, शबीह हैदर शानू,सोनू साहब ,नूरैन साहब ,शमशीर साहब ,शाहिद साहब आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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