Home उत्तर प्रदेश भगवान राम और सीता दोनों से मिलना सौभाग्य – शिवम शुक्ल

भगवान राम और सीता दोनों से मिलना सौभाग्य – शिवम शुक्ल

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उपेन्द्र कुशवाहा

पडरौना,कुशीनगर :  क्षेत्र के ग्राम सिधुआ. स्थान के शुक्ला टोला मे  में आयोजत चल रहे  रामकथा के दौरान  प्रयाग से आए मानस कथावाचक शिवम शुक्ल ने कहा रामजन्म से लेकर भरत मिलाप तक के प्रसंगों को सुनाया। उन्होंने श्रीराम का राजतिलक के कथा प्रसंगों का ऐसा चित्रण किया कि जब राम-भरत मिलाप का मार्मिक प्रसंग आया तो लोगोें की आंखें छलक आई, वहीं केवट प्रसंग में केवटराज के भक्ति चातुर्य ने श्रद्धालुओं को गुदगुदाया।

प्रयाग से प्रधारे कथावाचक श्री शुक्ल ने कहा कि कलयुग में रामनाम की बड़ी महिमा है कथा वाचन, कथा श्रवण और रामनाम के जपने से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने विभीषण की कुटिया को भवन जबकि रावण की लंका को मंदिर कहा। इसकी वजह यह है कि सीताजी की खोज में हनुमानजी ने लंका को छान मारा और हनुमानजी के चरण जहां पड़ जाएं वह मंदिर से कम नहीं। हनुमान और सुरसा के प्रसंग पर उन्होंने कहा कि छोटे बनकर रहने में भी बड़ाई है। सुरसा ने जैसे शत जोजन का मुख बढ़ाया तो हनुमानजी ने छोटा रूप धरकर निपुणता दिखाई।

आज के दौर में लोग परस्पर प्रतिस्पर्धा में भटक जाते हैं हमारे कर्म और विचार हमें उचित स्थान दिलाते हैं। शबरी के समर्पण भाव से मुग्ध होकर उनके कुटिया पहुंचकर भगवान ने बेर खाए व उनकी बहुत बड़ाई की। भगवान सबके लिए बराबर का भाव रखते है यह इस भाव से सिद्ध हो जाता है। द्वापर में भी भगवान कृष्ण ने दुर्योधन के घर बनाए छप्पन भोग को त्यागकर विदुर के घर पहुंचकर साग खाते हैं यह प्रसंग भी भगवान भाव के भूखे है उनकी प्रमाणिकता बताती है। भगवान राम के राजतिलक के साथ कथा का रसपान कराया गया। उपस्थित ग्राम सभा सहित कार्यक्रम के सफलता में समस्त ग्रामीणों व क्षेत्रवासियों का सराहनीय योगदान रहा।

इस अवसर पर रौशन शुक्ला ,अमरदीप, सम्मी ,जीवन सिंटू, दिव्यम ,सत्यम, नारायण ,प्रांजल ,बिष्नू, अंकित शुक्ला ,प्रधान प्रतिनिधि आलोक शुक्ला ,सत्येन्द्र मिश्रा ,हरीराम कुशवाहा आदि लोग शामिल रहे |

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