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सेरवही पुलिस पर लगे आरोप के बाद इतना जल्दी बिना जांच के ही थानाध्यक्ष पर कार्रवाई होना कही राजनीतिक रसूख तो नहीं ?

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उपेन्द्र कुशवाहा

पडरौना,कुशीनगर :  जिले के सेवरही से जुड़े एक भाजपा कार्यकर्ता के मामले में सेवरही थाने के थानेदार की ईमानदारी कहे या दादागिरी अपनी ड्यूटी करने वाले थानाध्यक्ष श्री प्रकाश को खामियाजा भुगतना पड़ा। पुलिस महानिदेशक के आदेशानुसार सेवरही के थानेदार श्री प्रकाश  को आखिरकार शनिवार को पुलिस लाइन में आना पड़ा। भाजपा कार्यकर्ता रवि मिश्रा के द्वारा लगाए गए सेवरही के थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप के बाद पुलिस महानिदेशक के आदेश पर बगैर किसी जांच के ही थानाध्यक्ष आलावे कस्बा कस्बा इंचार्ज को भी पुलिस लाइन बुला लेना कहीं ना कहीं सत्ता व राजनीति की बू आ रही है ?।

गौरतलब हो की भारतीय जनता पार्टी के एक सक्रिय कार्यकर्ता कतौरा निवासी रवि मिश्रा को उसी नाम के दूसरे व्यक्ति रवि सिंह के विरुद्ध चल रहे विभिन्न धाराओं मे संलिप्त कर थानाध्यक्ष सेवरही ने थाने पर बैठा लिया था |  सेवरही थानाध्यक्ष पर भाजपा कार्यकर्ता रवि मिश्रा का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने श्री मिश्रा को कई दिनों तक खाने में प्रताड़ित करने के बाद पिटाई भी की थी |

इतना ही नहीं आरोप था कि पैसों के दम पर थानाध्यक्ष से निजात पाये रवि मिश्रा ने मुख्यमंत्री के नाम लिखे प्रार्थना पत्र मे जिक्र किया था  कि मैं रवि सिंह नाम के व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से जानता तक नही जिसके नाम पर मुझे थाने मे बन्द कर कई दिनों तक थानाध्यक्ष ने प्रताड़ित किया। परिवारजनों ने घटना की जानकारी भाजपा के उच्चधिकारियो को दी तो थानाध्यक्ष ने उसे चरस गाजे मे संलिप्त कर जेल भेजने की धमकी दे डाली थी ?। दुसरी ओर थानाध्यक्ष पर बढ़ते पैरवी के प्रभाव से भुलिया निवासी अफताब के हाथों 25 हजार रूपये ले कर रिहा तो कर दिया गया | उधर इस मामले की चर्चा पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता ने स्वयं  शोसल साईट पर पोस्ट कर दिया था । सूत्रों की माने तो सेवरही थानाध्यक्ष अपनी वर्दी पर दाग लगता देख दल बल के साथ भाजपा कार्यकर्ता रवि मिश्रा के गाँव रात को पहुच जम कर उधम मचाया था ? वही थानाध्यक्ष ने दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया था ? एेसे मे दरवाजा खोलने पर भाजपा कार्यकर्ता रवि मिश्रा के दादा त्रिपुरारी मिश्र माता मीरा मिश्रा व बहन के प्रति सार्वजनिक रूप से गाली गलौज की आरोप थी ।

जिसका संज्ञान मे लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने डीजीपी को पत्र लिख थानाध्यक्षा सेवरही श्रीप्रकाश के विरुद्ध कार्रवाई की माँग की गई थी। जिसके बाद थानाध्यक्ष सेवरही और सेवरही कस्बे के चौकी इंचार्ज  को इस  मामले के गंभीरता को देखते हुए लाइन हाजिर कर दिया गया । बहरहाल इस मामले में भाजपा कार्यकर्ता की सच्चाई है व थानाध्यक्ष की इमानदारी व दादागिरी को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ |  राजनीतिक सूत्रों की माने तो श्री मिश्रा के साथ लेकर हुई इस घटना के बाद थानाध्यक्ष के ऊपर कार्यवाही से कहीं ना कहीं राजनीति की बू साफ दिखाई दे रही है |

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