लखनऊ. पूरा उत्तर भारत सर्दी से जूझ रहा है. राजधानी दिल्ली में जहां पारा 6 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है. वहीं उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. रैनबसेरों की कमी और ठंड से बचाव के उपायों की कमी के चलते पूरे प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान 70 बेसहारा लोगों की मौत हो गई. हालांकि, इसे लेकर कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है.
पिछले 24 घंटों में ठंड की वजह से पूर्वांचल में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि बरेली डिविजन में तीन इलाहाबाद डिविजन में 11 और बुंदेलखंड क्षेत्र में 28 लोगों की मौत हो गई. बाराबांकी के 40 वर्षीय राम किशोर रावत और 30 वर्षीय महेश की मौत ठंड की वजह से हो गई. फैजाबाद जिले के हरचंदपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई. अम्बेडकर नगर में एक जबकि रायबरेली और ऊंचाहार में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
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पिछले 24 घंटों में सुल्तानपुर जिला सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. लखनऊ में तापमान 3 डिग्री सेल्सियस रहा. मौसम विभाग के मुताबिक अभी कुछ दिनों तक ठंड से राहत नहीं मिलेगी. 10 जनवरी के बाद से ही हालात कुछ सुधरने की उम्मीद है.
एक सरकारी अधिकारी ने हालांकि यह दावा किया कि ठंड से बचाव के लिए हर जिले में पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, लेकिन लोगों की ठंड की वजह से हो रही मौतों ने इन सारे दावों की पोल खोल दी है. लोगों द्वारा आरोप लगाने के बाद लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतें आ रही है कि सार्वजनिक जगहों पर अलाव नहीं जलाए जा रहे हैं. इसकी जल्द से जल्द व्यवस्था कराई जाएगी.
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