लखनऊ। झारखंड और राजस्थान पहले ही मंत्रालयों का पुनर्गठन कर चुके हैं। इस निर्णय लागू को करने से पूर्व इसमें आने वाली बाधाओं पर विचार किया गया है। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य से संबंधित चार विभागों को एक किये जाने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य संबंधित चार विभागों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण और मातृ एवं शिशु कल्याण को एक करने पर सहमत हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस निर्णय को लागू करने के लिए जून-जुलाई में नीति आयोग को जिम्मेदारी दी थी। प्रदेश सरकार को इस नियम को लागू करने के लिए 3 महीने का समय दिया था जो अब बीत चुका है। बताया जा रहा है कि यूपी सरकार ने इन विभागों को एक करने का फैसला ले लिया है। नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार के मुताबिक इस बात का सुझाव आया था कि प्रशासनिक कंट्रोल के लिए मंत्रालयों का पुनर्गठन किया जाए। कुमार ने बताया कि प्रशासन को बिना किसी रुकावट के चलाने के लिए अच्छा होता है कि कम मंत्रालय हों। यूपी में नेशनल हेल्थ मिशन परिवार कल्याण विभाग में आता है जिसकी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी हैं। एनएचएम का बजट परिवार कल्याण में आता है और प्रोजेक्ट्स की टेंडरिंग व क्रियान्वयन का अधिकार स्वास्थ्य विभाग को है जिसके मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह हैं। इसी तरह कुछ काम चिकित्सा शिक्षा विभाग में आते हैं जिसके मंत्री आशुतोष टंडन हैं। जानकर मानते हैं कि इस तरह के विभागीय सिस्टम में कई बार काम करने में देरी होती है और योजनाओं में समन्वय स्थापित नहीं हो पाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन चारों विभागों को एक करने की प्रक्रिया शुरू हुई है और वर्ष के अंत तक इस निर्णय को लागू किया जा सकता है।
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