अयोध्या नगर निगम के चुनावी समर से सीएम योगी भरेंगे हुंकार
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर चुनावी घमासान शुरू हो गया है। पार्टियों के बीच अभी जंग का ऐलान होना बाकी है इसके पहले राजनीतिक दलों में टिकटों को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है। सूबे में वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और अयोध्या का दांव भाजपा के लिए खेलना सबसे भारी है। इन सीटों के लिए पार्टी के भीतर मंथन का दौर जारी है। अभी तक पार्टी ने इन सभी के साथ केवल 5 नामों की घोषणा की है। जिसमें अयोध्या की सीट से ऋषिकेश उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं योगी के शहर गोरखपुर की सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित हो गई थी, इसलिए पार्टी ने वहां पर सासाराम जायसवाल के नाम पर मुहर लगा दी है।
इसके साथ ही कानपुर से प्रमिला पान्डेय के नाम की घोषणा हुई है। तो आगरा से नवीन जैन का टिकट फाइनल किया गया है। वहीं पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्षा कामना कर्दम को मेरठ से टिकट दिया गया है। यानी पार्टी ने माथपच्ची कर केवल अभी पांच नाम तय किए हैं। सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के सामने ये पहली अग्नि परीक्षा होगी। इसके साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पान्डेय के लिए भी ये 2019 की तैयारी के पहले का सबक होगा।
पहली बार नगर निगम बनी रामनगरी अयोध्या के लिए भाजपा के पास 51 प्रस्ताव आये थे। जिसमें कई पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल थे। लेकिन सूत्रों की माने तो अन्तिम लिस्ट में केवल 3 नामों के बारे में विचार करना था। जिसमें ऋषिकेश उपाध्याय के साथ अभिषेक मिश्र और राजीव दास का नाम था। लेकिन संघ के दबाव पर भाजपा ने अपने पुराने संघ और भाजपा के कार्यकर्ता रहे शिक्षा के क्षेत्र में फैजाबाद और अयोध्या में कई बड़े कामों को कर रहे ऋषिकेश की स्वच्छ और साफ छवि देखते हुए । उनके नाम पर मुहर लगाई है। इसके साथ ही अब बताया जा रहा है कि सीएम योगी अयोध्या से ही नगर निकाय चुनाव के रण का बिगुल 15 नवम्बर को फूंकने आ रहे हैं।
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