Home राष्ट्रीय यूक्रेन संकट में वर्ल्ड लीडर्स के पहले पायदान पर PM MODI

यूक्रेन संकट में वर्ल्ड लीडर्स के पहले पायदान पर PM MODI

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आज पूरी दुनिया प्रधानमंत्री मोदी के दमदार व्यक्तित्व और शानदार प्रतिनिधित्व का कायल है। घरेलू राजनीति में वे जितने लोकप्रिय हैं वैसे ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ चुके हैं। आज पीएम मोदी देश-विदेश में कहीं जाते हैं तो लोग उनसे हाथ मिलाने, साथ में फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने को आतुर रहते हैं। ऐसी लोकप्रियता आज विश्व में किसी राजनेता की नहीं दिखती है। आलम यह है कि विश्व के तमाम राजनेता उन्हें एक ग्लोबल लीडर मानते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ग्लोबल लीडर की भूमिका निभा रहे हैं। यूक्रेन संकट के बाद से प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से दो बार बात कर चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलडोमेर जेलेंस्घ्की से भी बात कर चुके हैं। इस युद्ध काल में दुनियाभर की नजर भारत पर लगी हुई है। तमाम बड़े नेताओं को विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी युद्ध को खत्म कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी ने कई यूरोपीय नेताओं से बात की। मंगलवार, 2 मार्च को उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बातचीत की। राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ओर से युद्ध प्रभावित क्षेत्र से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और वहां प्रभावित लोगों के लिए दवाइयों के साथ ही जरूरी राहत सामग्री भेजने के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने दोनों पक्षों के बीच बातचीत का स्वागत किया।

पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डुडा से बात में प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद देने के लिए आभार जताया। इसके साथ ही यूक्रेन से पोलैंड की सीमा में प्रवेश करने के लिए वीजा की जरूरत में ढील देने के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे विश्व युद्ध के समय पोलैंड के कई परिवारों और अनाथ हो चुके बच्चों को बचाने में जामनगर के महाराज की भूमिका को भी याद किया।

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बातचीत में प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन की बीच बातचीत का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने युद्ध समाप्त करने और वार्ता की ओर लौटने की भारत की अपील को दोहराया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है।

चार्ल्स मिशेल ने कहा कि यूरोपीय देश भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में पूरी मदद कर रहे हैं। हंगरी के पीएम विक्टर ओबानो ने भी प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर यूक्रेन के हालातों पर बात की। इसके पहले श्री मोदी ने 28 फरवरी को स्लोवाक गणराज्य के प्रधानमंत्री एडुअर्ड हेगर से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने और उन्हें वापस लाने के वास्ते भारत से विशेष उड़ानों को अनुमति प्रदान करने में स्लोवाक गणराज्य की सहायता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आग्रह किया कि स्लोवाक गणराज्य इसी तरह अगले कुछ दिनों तक सहायता जारी रखे, ताकि भारत संघर्ष वाले इलाकों से अपने नागरिकों को बाहर निकाल सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने 28 फरवरी को ही रोमानिया के प्रधानमंत्री निकोलाई जोनेल च्युका के साथ टेलीफोन पर बात की। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दिनों के दौरान यूक्रेन से भारतवासियों को बाहर निकालने में रोमानिया द्वारा दी गई सहायता के लिए निकोलाई जोनेल च्युका को धन्यवाद दिया। उन्होंने रोमानिया की सद्भावना की विशेष प्रशंसा की कि उसने भारतीय नागरिकों को बिना वीसा के रोमानिया में प्रवेश करने दिया और उनकी देशवापसी के लिए भारत से विशेष उड़ानों को अनुमति दी।

इसके पहले 26 फरवरी को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलडोमेर जेलेंस्घ्की ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन में जारी संघर्ष की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने जारी संघर्ष के कारण लोगों की मौत और सम्पत्ति के नुकसान पर गहरा दुरूख व्यक्त किया। उन्होंने हिंसा की तत्काल समाप्ति और संवाद को फिर से शुरू करने के अपने आह्वान को दोहराने के साथ शांति प्रयासों में किसी भी तरह का योगदान देने की भारत की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा चिंता जताते हुए तेजी से और सुरक्षित रूप से निकासी के लिए यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा सुविधा देने की मांग की।

एक दौर वह भी था जब भारत विश्व की महाशक्तियों के भरोसे रहता था। आज भारत बोलता है तो दुनिया सुनती है। दरअसल दुनिया में इस समय किसी नेता की सबसे ज्यादा पूछ है तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। प्रधानमंत्री मोदी की शख्सियत और व्यक्तित्व की पूरी दुनिया कायल है। पीएम मोदी ने जिस तरह से भारत की छवि को पूरी दुनिया में पेश किया है, उसने दुनिया भर के नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी का मुरीद बना दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 में देश का नेतृत्व संभालने के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत के अग्रदूत बने हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मंचों पर भारत की भागीदारी बढ़ी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों कोरोना संकट के दौरान जिस प्रकार से देश की 130 करोड़ जनता की रक्षा करते हुए पूरी दुनिया के लिए मदद के हाथ बढ़ाए हैं, उसने उन्हें एक बार फिर दुनिया का सबसे लोकप्रिय और शीर्ष नेता बना दिया है। अमेरिकी रिसर्च एजेंसी मॉर्निग कंसल्ट के ताजा सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 72 अंकों के साथ वर्ल्ड लीडर्स में पहले पायदान पर बने हुए हैं। मॉर्निग कंसल्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज समेत दुनिया के 12 राष्ट्र प्रमुखों को पीछे छोड़ दिया है।

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