हिमा ने बाद में कहा कि वह बचपन से पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखती आई हैं। उन्होंने कहा, ‘यहां लोगों को पता है। मैं कुछ अलग नहीं कहने जा रही। स्कूली दिनों से ही मैं पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी और यह मेरी मां का भी सपना था। वह दुर्गा पूजा के दौरान मुझे खिलौने में बंदूक दिलाती थीं। मां कहती थीं कि मैं असम पुलिस की सेवा करूं और अच्छी इंसान बनूं।’
नौकरी के साथ खेल का करियर पर भी रहेगा जारी
एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता और जूनियर विश्व चैंपियन हिमा ने कहा कि वह पुलिस की नौकरी के साथ खेलों में अपना करियर भी जारी रखेंगी।
उन्होंने कहा, ‘मुझे सब कुछ खेलों की वजह से मिला है। मैं प्रदेश में खेल की बेहतरी के लिए काम करूंगी और असम को हरियाणा की तरह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बनाने की कोशिश करूंगी। असम पुलिस के लिए काम करते हुए अपना करियर भी जारी रखूंगी।’
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