वित्त मंत्रालय करदाताओं को आय कर में बड़ी छूट देने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में आय कर में छूट की सीमा 2 लाख रूपये है जबकि इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रूपये किए जाने की चर्चा चल रही है। इन मामलों से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने बताया कि सरकार एक्स्ट्रा डिडक्शन करेगी लेकिन ये उन्हीं को मिलेगा जिन करदाताओं ने सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश किया हो।
उन्होने बताया- “इस बात की चर्चा चल रही है कि हायर टैक्स डिडक्शन कर करदाताओं को राहत देने की तैयारी चल रही है। ये हायर डिडक्शन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में बॉण्ड के जरिए निवेश या इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स करनेवालों को मिलेगा।”
वर्तमान में करदाताओं को आयकर की धारा 80सी, 80सीसी और 80सीसीडी के तहत राहत दी जाती है। इसके साथ ही, प्रोविडेंट फंड, पब्लिक प्रोविडेंट फंड या फिर लाइफ इंश्योरेंस में निवेश पर भी डिडक्शन दिया जाता है।
इसके अलावा, ट्यूशन फीस के रूप में भुगतान या फिर होम लोन देनेवालों को भी राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करनेवालों को भी पचास हजार रूपये तक के छूट का प्रावधान है। एक अन्य सरकारी अधिकारी ने बताया- “जहां तक संभव हो सके करदाताओं को राहत देने की तैयारी चल रही है। लेकिन, हायर डिडक्शन का मतलब है रिवैन्यू का नुकसान। ऐसे में राहत की कितनी सीमा होगी यह सरकार राजकोषीय दायरे पर निर्भर करगी।”
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी के चलते सरकार के सब्सिडी बिल पर दबाव, पहले साल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कलेक्शन में आयी कमी और देश के आधारभूत संरचनाओं को लेकर खर्च में बढ़ोत्तरी की जरूरत के चलते अगर राजकोष को संतुलित रखना है तो सरकार को लुभवानी घोषणाओं से सतर्क रहना होगा।
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