हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर निवार्चन आयोग से मांगा जवाब
न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने केजरीवाल की याचिका पर निर्वाचन आयोग से उसका रुख पूछा. केजरीवाल ने कहा कि चुनाव इकाई के 29 जनवरी के आदेश के चलते स्वतंत्र रूप से भाषण देने के उनके अधिकार पर रोक लगी है.
अदालत ने मामले कीसुनवाई की अगली तारीख अगले साल दो फरवरी निर्धारित की है.
न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा कि केजरीवाल निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ काफी देर से अदालत आए हैं. उन्होंने पूछा कि क्या वह ‘इस बारे में गैर संजीदा थे’. निर्वाचन आयोग के वकील ने मौखिक रूप से अदालत को सूचित किया कि आयोग के निर्देश पर 30 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज हुई थी.निर्वाचन आयोग ने 29 जनवरी को गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को केजरीवाल की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था. केजरीवाल ने गोवा में सात-आठ जनवरी को अपनी सिलसिलेवार रैलियों में मतदाताओं से कहा था कि वे ‘कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों से पैसे स्वीकार कर लें, लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को दें.’
बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज कराई थीं और उनकी टिप्पणी को लेकर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत उन पर मुकदमा चलाने की मांग की थी. कांग्रेस ने भी केजरीवाल की टिप्पणी की निंदा की थी.
निर्वाचन आयोग ने इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता के खिलाफ जन-प्रतिनिधित्व कानून के तहत मतदाताओं को रिश्वत संबंधी प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराए जाने का निर्देश दिया था.
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