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NGT ने ऑड-ईवन को दी मंजूरी, महिलाओं-बाइकर्स को नहीं मिलेगी छूट

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NGT ने ऑड-ईवन को दी मंजूरी, महिलाओं-बाइकर्स को नहीं मिलेगी छूट

 

 

दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए सोमवार से ऑड-ईवन स्कीम लागू होने का रास्ता साफ हो गया है. शनिवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने ऑड-ईवन स्कीम को सशर्त मंजूरी दे दी है. एनजीटी ने मंजूरी देते हुए कहा कि इस बार टू-व्हीलर्स को छूट नहीं दी जाएगी.

एनजीटी ने मंजूरी देते हुए कहा- ‘शहर में जब भी पीएम 10 का स्तर 500 और पीएम 2.5 का स्तर 300 के पार हो, तो सरकार तुरंत ऑड-ईवन लागू करें.’ बता दें कि दिल्ली ने 13 से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू करने का फैसला लिया था.

एनजीटी ने कहा कि किसी अधिकारी, महिला या दो पहिया वाहनों को कोई छूट नहीं दी जाए. हालांकि, सभी प्राइवेट ट्रांसपोर्ट सर्विस देने वाले सरकार के साथ कोर्डिनेट कर सीएनजी बसें चला सकते हैं.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को लगाई थी फटकार
शुक्रवार को एनजीटी ने इस ऑड-ईवन को लेकर केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई थी. एनजीटी ने दिल्ली सरकार से ये भी पूछा कि आखिर दो पहिया वाहनों और महिलाओं को इस व्यवस्था में छूट क्यों दी गई? एनजीटी ने दिल्ली सरकार से यह वादा करने को कहा कि जब सूक्ष्म कणों का स्तर 300 से अधिक होगा, सिर्फ तभी वह ऑड -ईवन व्यवस्था लागू करेगी.

एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार तब तक ऑड-ईवन योजना शुरू नहीं कर सकती, जब तक वह ये न साबित कर दे कि इस योजना से प्रदूषण को कम करने में कुछ फायदा पहुंचा था. एनजीटी ने दिल्ली सरकार से यह वादा करने को कहा कि जब सूक्ष्म कणों का स्तर 300 से अधिक होगा, सिर्फ तभी वह ऑड-ईवन व्यवस्था लागू करेगी.

क्या है ऑड-ईवन? कैसे करेगा काम?
गाड़ी के नंबर प्लेट के आखिरी डिजिट ऑड नंबर (1,3,5,7,9) या ईवन नंबर (2,4,6,8,0) होने के हिसाब से यह स्कीम काम करेगी. नियम तोड़ने वालों से ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी 2 हजार रुपये का जुर्माना वसूलेंगे.

आज का एयर क्वालिटी इंडेक्स
वहीं, शनिवार सुबह दिल्ली के मंदिर मार्ग में एयर क्वालिटी इंडेक्स 326, आनंद विहार में 430, सिरी फोर्ट में 316, द्वारका में 327, शादीपुर में 331 है. दिल्ली में शुक्रवार को भी जहरीले स्मॉग से राहत नहीं मिली. पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का स्तर सामान्य से 9 गुना ज्यादा तक रहा. कई इलाकों में विजिबिलिटी महज 300 मीटर तक रही.

गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले साल 21 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी थी कि उनके पास ऐसा कोई विवरण नहीं है जिससे ये पुख्ता हो सके कि ऑड-ईवन लागू करने से प्रदूषण में कमी आई है.

इसके अलावा एनजीटी ने आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले उद्योगों को दिल्ली-एनसीआर में इस शर्त पर संचालित होने की इजाजत दी है कि वे प्रदूषण नहीं करेंगे.

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