मोदी के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ में UN विशेषज्ञ ने निकाली कमियां
उन्होंने कहा कि पिछले दो हफ्तों में मैंने ग्रामीण और शहरी इलाकों, झुग्गियों और पुनर्वास शिविरों का दौरा किया, जहां ऐसे लोग निवास करते हैं जिनके बारे में ज्यादा सूचना नहीं मिलती. मैंने पाया कि इन प्रयासों में मानव अधिकारों के नजरिए की काफी कमी है. इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उच्चायुक्त के कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति को सरकार की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. यह विज्ञप्ति संवाददाता सम्मेलन में वितरित की गई.
विज्ञप्ति में हेलर के हवाले से कहा गया, ‘मैं जहां भी गया, मैंने स्वच्छ भारत मिशन का लोगो- (महात्मा) गांधी के चश्मे को देखा. मिशन लागू होने के तीसरे साल में, अब यह जरूरी हो गया है कि उन चश्मों को मानव अधिकारों के लेंस से बदला जाए.’
स्वच्छ भारत मिशन के लोगो पर की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने एक बयान जारी कर इसकी निंदा की और कहा कि यह ‘हमारे राष्ट्रपिता के प्रति गहरी असंवेदनशीलता’ दर्शाता है. बयान में कहा गया कि पूरा विश्व जानता है कि महात्मा गांधी मानवाधिकारों के प्रधान समर्थक थे.
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