चीनी बिल्ली ने वैश्विक विनिर्माण चूहे को कसकर पकड़ रखा है: राहुल गांधी
नोटबंदी का एक साल होने के मौके पर फाइनेंशियल टाइम्स में अपने लेख में राहुल ने यह भी कहा कि ब्लू-कॉलर नौकरियों पर चीन का वैश्विक एकाधिकार अन्य देशों के लिए बुनियादी चुनौती है, जिससे लाखों मजदूर वंचित और नाराज हुए जो अपनी नाराजगी मतपत्र के जरिये निकालते हैं. फिर चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वोट की बात हो या ब्रेक्जिट या डोनाल्ड ट्रंप के लिए.
कम्युनिस्ट नेता तंग शियाओपिंग का हवाला देते हुए राहुल ने लिखा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि चूहे को पकड़ लेने वाली बिल्ली का रंग क्या है. आज चीनी बिल्ली ने वैश्विक निर्माण के चूहे को कसकर पकड़ लिया है.
राहुल ने कहा कि 1990 के दशक में दुनिया के माल में चीन का उत्पादन महज तीन प्रतिशत था जो अब करीब 25 फीसदी है.उन्होंने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि चीन फिलहाल हर रोज औसतन 50 हजार नौकरियों का सृजन करता है वहीं मोदी सरकार में भारत केवल 500 नौकरी पैदा कर पाता है.
राहुल ने कहा, ‘‘इस विशेषता के साथ एक निर्मम नुकसान भी है. चीन के लोग बोलने के लिए, असहमति जताने के लिए या सवाल खड़ा करने के लिए आजाद नहीं हैं और जो ऐसा करते हैं उन्हें तत्काल कड़ी सजा दे दी जाती है. भारत को यह मॉडल नहीं अपनाना चाहिए.
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