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जहरीले स्मॉग से दिल्ली-एनसीआर के 30 हजार लोगों की जान खतरे में

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जहरीले स्मॉग से दिल्ली-एनसीआर के 30 हजार लोगों की जान खतरे में

 

 

दिल्ली में जहरीले स्मॉग से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण इमरजेंसी लेवल पर पहुंच गया है. गुरुवार सुबह पंजाबी बाग में एयर क्वालिटी इंडेक्स 799 था, जबकि लोधी रोड पर पीएम-10 और पीएम 2.5 दोनों ही 500 रिकॉर्ड किए गए.

‘ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज’ (AIIMS) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली के स्मॉग की तुलना 1952 की ‘ग्रेट स्मॉग ऑफ लंदन’ से की है. उन्होंने स्मॉग को ‘साइलेंट किलर’ बताया है. उनके मुताबिक, इस जहरीले स्मॉग से दिल्ली के 30 हजार लोगों को जान का खतरा है.

बता दें कि 5 दिसंबर, 1925 को लंदन के आसमान में 4 दिनों तक पीले रंग की धुंध छाई रही थी. इसमें 4000 लोगों की जान गई थी. एम्स के डायरेक्टर ने बताया प्रदूषण से दिल्ली के हालात बहुत खराब हैं. ओपीडी में सांस के मरीजों, एलर्जी, खांसी और सीने में जलन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. प्रदूषण के इतने खतरनाक स्तर से सांस और दिल के मरीजों को ज्यादा दिक्कत है. इसमें उनकी जान भी जा सकती है.

उनके मुताबिक, एम्स के साथ-साथ दूसरे अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. लोग N95 मास्क और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल भी कर रहे हैं. लेकिन इससे पूरी तरह से बचाव नहीं हो सकता है.

दिल्ली सरकार ने लिए ये फैसले
इस चिंताजनक वायु प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने कुछ बड़े कदम उठाए हैं. इसके तहत सिविल निर्माण पर पाबंदी, ट्रकों की आवाजाही पर रोक, कोयला जलाने पर रोक का फैसला लिया गया है. वहीं, हेलिकॉप्टर से आर्टिफिशियल बारिश भी कराई जाएगी. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पर्यावरण मंत्री, विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ बैठक में ये फैसले लिए.

ऑड-ईवन पर फैसला आज
बैठक में ऑड-ईवन योजना को लागू करने के लिए परिवहन विभाग को तैयारी करने को कहा गया है. इस पर आज अंतिम फैसला लिया जाएगा. इस बार ऑड-ईवन के दायरे में टू-व्हीलर्स भी लाए जाएंगे.

रविवार तक पांचवीं तक के स्कूल बंद
प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 5वीं तक के सभी स्कूलों को रविवार तक बंद रखने का निर्देश दिया है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.

एनजीटी ने भी दिए निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) ने कहा है कि दिल्ली में इमरजेंसी जैसी स्थिति है. एनजीटी ने दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और यूपी को भी प्रदूषण रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, ईपीसीए ने भी प्रदूषण के इस संकट से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

प्रदूषण निगरानी केंद्रों में काम ठप
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एजेंसी सिस्टम ऑफ एअर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 24 घंटों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का औसत स्तर 406 और 645 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. यह सुरक्षित स्तर 60 और 100 से कई गुना अधिक है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के कई निगरानी केंद्रों ने प्रदूषण के सभी स्तर को पार कर जाने के कारण काम करना बंद कर दिया.

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