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VIDEO: रिक्शेवाला ऐसे बना बॉडी-बिल्डर

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VIDEO: रिक्शेवाला ऐसे बना बॉडी-बिल्डर

 

 

शराब, गांजा और सिगरेट पीकर मस्‍त रहने वाला रिक्‍शा-चालक आज बॉडी-बिल्‍डर है. सड़कों पर रिक्‍शा खींचकर शाम को फुटपाथ पर रात गुजारने वाला शख्‍स न केवल दो बार मिस्‍टर दिल्‍ली में टॉप 5 में रह चुका है बल्कि मिस्‍टर नॉर्थ इं‍डिया में भी अपनी बॉडी से लोगों को अचंभित कर चुका है.

कितना दिलचस्‍प है न? बेशक. लेकिन इससे भी ज्‍यादा दिलचस्‍प है रिक्‍शेवाले आनंद सिंह के बॉडी-बिल्‍डर आनंद सिंह बनने की कहानी. दिल्‍ली में रहने वाले आनंद सिंह आज एक बेहतर जिंदगी जी रहे हैं.

अाइए सुनिए रिक्‍शेवाले से बॉडी-बिल्‍डर बने आनंद सिंह की कहानी, उन्‍हीं की जुबानी….

2006 की बात है. किसी बात पर झगड़ा हुआ और मैं गुस्‍से में घर छोड़कर भाग गया. साउथ एक्‍सटेंशन पहुंचा. कोई रहने की जगह नहीं थी तो सड़क को ही सहारा बना लिया. रात हो गई थी वहां सिर्फ रिक्‍शेवाले थे. मैंने रिक्‍शेवालों से पूछा कि कितना कमा लेते हो. उन्‍होंने कहा कि गुजर हो जाती है. रिक्‍शे का किराया भी ज्‍यादा नहीं है. सिर्फ 30 रुपये देना होगा.

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2006 में घर में हुए झगड़े के बाद आनंद सिंह ने घर छोड़ दिया और फुटपाथ पर रहकर रिक्‍शा चलाया. इस दौरान वे बुरी लतों में भी पड़ गए.

मैं राजी हो गया. किराए पर रिक्‍शा ले लिया और चलाने लगा. रिक्‍शेवालों के साथ में ही सड़क पर रहता था. वे लोग शराब-बीड़ी पीते थे. कुछ चरस गांजा भी लेते थे. मैंने भी पीना शुरू कर दिया. सिगरेट, शराब, चरस और गांजे में पूरी दिहाड़ी उड़ा देता. महीनों यही चलता रहा.

दिन में कई सौ कमा लेता था. सब नशे में खर्च हो जाते. न घरवालों की खबर ली, न अपनी उनको दी. फुटपाथ ही घर था. लेकिन इन सबके बावजूद एक शौक था बॉडी बनाने का. उस दौरान जब भी मैं लोगों को जिम जाते देखता था तो मुझे भी मन करता. अब पैसे भी आ चुके थे तो वहीं एक जिम में पसीना बहाने लगा. लेकिन आदतें खराब थीं तो जिम करने के बाद नशा करने पर सब बराबर हो जाता था. जिंदगी ऐसे ही चल रही थी.

रिक्‍शा चलाने के साथ ही मैंने बर्तन भी धोए, वेटर का भी काम किया, कपड़े भी बेचे, कुछ साल मजदूरी और ढाबे में काम भी किया. लेकिन 2013 में अचानक एक दिन सुमित सर मिले. इन्‍होंने मुझे जिम करते देखा था. फिर मेरे बारे में पता किया. मुझसे आकर मिले और बोले कि बॉडी बनाओगे? सरकारी नौकरी करोगे? बॉडी-बिल्‍डर बनोगे. सर की बॉडी देखकर मैं एक्‍साइटेड भी हुआ. लेकिन डर भी लगा. पर मैंने हां बोल दी.

सुमित कुमार सर ने सबसे पहले तो मेरी शराब छुड़ाई, सिगरेट छुड़ाई और सब नशे की लतें छुड़ाईं. इसके बाद उन्‍होंने मुझे जिम में ट्रेनिंग दी. मुझे ये अच्‍छा भी लगता था, लेकिन शराब की तलब भी लगती थी. एक दो बार बीच में शराब पी आया, तो सुमित सर ने पीटा भी था. फिर समझाया.

मैंने नशे छोड़ने का फैसला किया और कुछ अच्‍छा करने की ठान ली. जिम, कसरत और मेहनत को लेकर पहले से ही जुनून था. धीरे-धीरे शरीर बनने लगा तो मैं सकारात्‍मक होता गया. मेरे भीतर बहुत परिवर्तन आ गया और मैं एक अच्‍छा इंसान भी बनता गया.

रिक्‍शेवाले आनंद से बना हैंडसम आनंद
छह महीने तक खुद को नशे से दूर रखते हुए मैंने ईमानदारी से मेहनत की और रिक्‍शेवाले आनंद सिंह से एक जेंटलमेन और हैंडसम आनंद में बदल गया. नशे से दूर हुआ तो घरवालों की याद आई. घरवालों से मिलने पहुंचा तो पहचान ही नहीं पाए. रिश्‍तेदार भी नहीं पहचान पाए.

मैंने घरवालों को बताया कि घर से भागने के बाद मैं बिगड़ा था, लेकिन अब में रिक्‍शेवाला और मजदूरी करने वाला आनंद नहीं रहा. मुझे बदला हुआ देखकर सभी बहुत खुश थे.

किताबों को देखकर आते थे चक्‍कर, आज कर रहा हूं पढ़ाई

मैं पढ़ा-लिखा नहीं था. बस हिंदी पढ़ लेता था. जब सुमित सर मिले और बॉडी बनाई तो इन्‍होंने मुझसे कहा कि बॉडी बनाने से कुछ नहीं होता, पढ़ाई-लिखाई भी जरूरी है. इसके बाद किताबों से दोस्‍ती की. लेकिन पढ़ते ही नींद आती थी. कुछ समझ नहीं आता था. धीरे-धीरे पढ़ना अच्‍छा लगने लगा. मैंने 10वीं अौर 12वीं ओपन स्‍कूल से कर लीं. आज मैं पढ़ता हूं और ग्रेजुएशन करने जा रहा हूं.

मुझे आज लगता है कि पढ़ाई बेहद जरूरी है. बिना पढ़े न शरीर भी काम नहीं आता. आज जब भी मैं किसी जिम में ट्रेनिंग देता हूं तो वह पढ़ाई ही काम आती है. कई बार लोग कम पढ़े-लिखे लोगों से जिम में ट्रेनिंग लेना भी पसंद नहीं करते.

बेहतर जिंदगी जी रहा हूं, मां-पिता भी खुश

जब मैं बॉडी-बिल्डिंग करने के बाद घर पहुंचा तो सभी हैरान थे. रिश्‍तेदार तो पहचान ही नहीं पाए. मां हैरान थी. मुझमें इस बदलाव को देखकर आज सब खुश हैं. अब मुझे लगता है कि मैं एक बेहतर इंसान बनने जा रहा हूं.

सड़क से उठाकर 20 युवकों को बॉडी-बिल्‍डर बना चुके हैं आनंद के गुरु सुमित
रिक्‍शा चलाने वाले आनंद को बॉडी-बिल्‍डर बनाने वाले सुमित कुमार आनंद जैसे 20 युवाओं को बॉडी‍-बिल्‍डर और जिम ट्रेनर बना चुके हैं. सड़क से उठाए गए इन 20 लोगों में भिखारी, ढाबे पर बर्तन धोने वाला, रिक्‍शेवाला शामिल थे. सुमित खुद भी दो बार मिस्‍टर दिल्‍ली और एक बार मिस्‍टर नॉर्थ इंडिया रह चुके हैं. सुमित का कहना है कि वे आगे भी ऐसे ही युवाओं को आगे लाते रहेंगे.

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