आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में अय्या कोंडा में ये गांव बसा है. इस गांव का नाम है गोनेगंदल मंडल. ये गांव एक पहाड़ी पर है. यहाँ करीब 150 परिवार वाले रहते है. यहाँ के लोग अपने परिवार वाले या करीबी सम्बन्धी के शव को घर के सामने ही गाड़ देते है. ऐसा इसलिए करते है क्योकि इस गांव के आसपास कोई भी कब्रिस्तान नहीं है. इस गांव के हर घर के सामने एक या दो कब्र देखने को मिलती हैं। गांव की महिलाओं और बच्चों को अपनी दिनचर्या के लिए भी इन्हीं कब्रों से होकर गुजरना पड़ता है।
यह रिवाज केवल भोग लगाने और पूजा करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि जब वो नए गैजेट्स भी खरीदते हैं तो पहले उसे इन कब्रों के सामने रखते हैं, इसके बाद ही उसका इस्तेमाल शुरू करते हैं। गांव वालों के बीच अंधविश्वास की गहरी जड़ों को हटा पाना बहुत मुश्किल है और अब उन्होंने गांव के बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है क्योंकि वो ही भविष्य में बदलाव ला सकते हैं।
इस गांव में कुछ और भी प्रथाएं मौजूद हैं जैसे, यहां के लोग गांव के बाहर शादी नहीं करते और परंपरागत खाट पर भी नहीं सोते हैं। गांव वालों का मुख्य पेशा खेती है। यहां ये अनाज के अलावा प्याज, मूंगफली और मिर्च की भी खेती करते हैं। अय्या कोंडा को इस इलाके में खरगोशों की भारी आबादी के कारण पहले ‘कुंडेलू पडा’ (खरगोशों के लिए घर) के नाम से जाना जाता था। हा
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