अमेरीका, दुनिया में तमाम तरह के स्टार्टअप खुल रहे हैं. सिलिकॉन वैली का एक नए स्टार्टअप एक नया दावा कर रहा है। दावा है कि आपके दिमाग को निकाल कर उसकी यादों को कंप्यूटर पर अपलोड कर देगा। इसका मतलब हुआ कि मरने के बाद आप डिजिटल फॉर्मेट में जिंदा रहेंगे। लेकिन इसमें एक ही समस्या है आपका दिमाग कंप्यूटर पर अपलोड करने के लिए आपको मरना पड़ेगा।
अमेरीका के दो इंजीनियर्स ने नेटकम नाम का एक नया स्टार्टअप शुरू किया है। इसका कहना है कि ये दिमाग की आर्काइविंग करते हैं।आसान शब्दों में कहें तो आपके दिमाग की मेमोरी निकाल कर उसे इंटरनेट पर क्लाउड में अपलोड करते हैं।
इसका फायदा ये है कि आने वाले समय में वैज्ञानिक किसी व्यक्ति का डिजिटल वर्जन बना सकेंगे। लेकिन इसमें एक और समस्या है। अगर आप जीवन भर इंटरनेट पर रहने के लिए मरने का इरादा भी कर लें, आपकी यादों को कंप्यूटर में सेव करने की टेक्नॉलजी अभी नहीं आई है।
हालांकि इन लोगों का दावा है कि वो ऐसी तकनीक जल्द ढूंढने वाले हैं। इसमें वो एक केमिकल दिमाग में इंजेक्ट करेंगे और वो दिमाग के साथ-साथ यादों को भी प्रिजर्व कर लेगा।अगर आपको लगता है कि आपको मरने के बाद इंजेक्शन लगाकर डिजिटल बना दिया जाए तो आप गलत हैं।
दिमाग को इस तरह से प्रिज़र्व करने के लिए आपके दिमाग को जिंदा रहते ही प्रिज़र्व करना होगा। इसका मतलब हुआ कि आपको जिंदा रहते ही ये इंजेक्शन दिया जाएगा। जिससे आपका दिमाग प्रिजर्व हो जाएगा, साथ ही आप मर जाएंगे। इसके बाद आपकी यादें सही से अपलोड हो पाएंगी या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं। इस तरह से मरना सस्ता भी नहीं है।
आपको 10,000 डॉलर(6-7 लाख रुपए) जमा करने होंगे। अगर आपका आखिरी मौके पर अपना इरादा बदलते हैं तो आपके पैसे वापस हो जाएंगे। इस योजना में अभी तक 25 आवेदन आ चुके हैं। इसके साथ ही ब्रेन प्रिज़र्वेशन फाउंडेशन ने इस कंपनी को 80,000 डॉलर का इनाम भी दिया है।
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