रायपुर । 300 करोड़ रुपए की ठगी कर तीन महीने से फरार चल रहे छत्तीसगढ़ के रायपुर के दवा कारोबारी नवजीत सिंह टुटेजा की तलाश कई राज्यों में करने के बाद पुलिस थक हार कर बैठ गई। उधर आरोपी ने पुलिस को चुनौती देते हुए अपनी एक तस्वीर फेसबुक पर डाल दी। वह भी गोवा में नए साल के जश्न का। इसमें आरोपी अपनी पत्नी डॉली उर्फ हरविंदर कौर के साथ गोवा बीच पर दिखाई दे रहा है। तस्वीर के सार्वजनिक होने के बाद उसने तत्काल फेसबुक से तस्वीर हटा दी, ऐसा लगा मानो केवल पुलिस को चुनौती देने के लिए डाली गई थी। पुलिस अब अपना इज्जत बचा रही है और सफाई देने में जुटी हुई है कि नए साल में नवजीत प्रदेश के बाहर गया ही नहीं है। पुलिस के इस दावे की पोल इसी से खुल जाती है कि अगर वह छत्तीसगढ़ में ही छिपा है तो पुलिस उसे क्यों पकड़ नहीं पा रही है। शातिर जालसाज नवजीत सिंह, उसकी पत्नी हरविंदर कौर, बहन सुमित सलूजा , साढ़ू गुरनाम सिंह छाबड़ा और रिम्स के सीईओ जसपाल सिंह भामरा ने मिलकर राजधानी समेत दूसरे जिलों के कुल 159 कारोबारियों से दवा सप्लाई का ठेका, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी आदि दिलाने का झांसा देकर 300 करोड़ रूपए ठगे हैं। तीन महीने पहले भाजपा के मीडिया प्रभारी नलीनेश ठोकने, रोलिंग मिल संचालक हरीश अग्रवाल और मनीष वाधवानी की शिकायत पर सिविल लाइन और तेलीबांधा थाने में (कुल 5 करोड़ 24 लाख रूपए) ठगी का केस दर्ज किया गया। केस दर्ज होने की भनक पाकर सभी फरार हो गए।
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माना जा रहा है कि फरार दवा कारोबारी नवजीत सिंह टुटेजा, पत्नी हरविंदर कौर के साथ नया साल मनाकर गोवा से लौट चुका है। वह छत्तीसगढ़ में ही कहीं छिपा हुआ है, लेकिन चैंकाने वाली बात यह है कि बड़े-बड़े जालसाजों को पकड़ने में अव्वल रही राजधानी पुलिस नवजीत के मामले में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। पुलिस न तो कोई सुराग जुटा पाई और न ही ठिकाने का पता लगा पाई। विवेचना अधिकारी ने नवजीत के 8 मोबाइल नंबरों का ताजा लोकेशन फिर से खंगालना शुरू कर दिया है।
नवजीत सिंह, पत्नी हरविंदर कौर, बहन सुमित सलूजा, साढ़ू गुरनाम सिंह छाबड़ा भिलाई के आसपास दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में देखे गए थे। वे पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए लगातार ठिकाने भी बदल रहे हैं। दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, कवर्धा, रायगढ़ और अंबिकापुर आदि जिलों में जाकर छिप रहे हैं। रिम्स में मेडिकल स्टोर खोलने का झांसा देकर रायपुर के एक भाजपा नेता के साथ 61 लाख रूपए की ठगी की गई है। नलीनेश ठोकने भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं। उन्होंने 7 महीने पहले एसपी कार्यालय में लिखित शिकायत की थी कि राजातालाब निवासी सरदार नवजीत सिंह टुटेजा ने उसके साथ ठगी की है। नवजीत ने यह कहकर झांसा दिया कि मंदिर हसौद इलाके में स्थित रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस (रिम्स) अस्पताल में उसे मेडिकल स्टोर खोलने का कांट्रेक्ट मिला हुआ है। इसके लिए वह पार्टनर तलाश रहा है।
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कुछ दिनों बाद नलीनेश को पता चला कि नवजीत ने झूठ बोलकर पैसे लिए हैं। उसे रिम्स में किसी तरह का ठेका नहीं मिला है। तब उसने पैसा वापस करने के लिए नवजीत पर दबाव बनाया लेकिन वह बार-बार टालने लगा। शिकायत की जांच माना सीएसपी मुकेश खरे ने की और मामला सही पाया। सिविल लाइन टीआई हेमप्रकाश नायक ने बताया कि पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। आरोपियों में रिम्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जसपाल भामरा का नाम भी शामिल है। तफ्तीश के दौरान तीन और कारोबारी पुलिस के पास पहुंचे, जिन्होंने नवजीत को ब्याज पर लाखों रुपए दिए हैं। उसके एवज में नवजीत ने उन्हें चेक दिया था। पुलिस को जानकारी मिली है कि दवा कारोबारी नवजीत सिंह ने नेता, कारोबारी, अफसरों के अलावा अपने कुछ रिश्तेदारों से भी कुल 20 करोड़ रुपए ब्याज पर उधार ले रखा था। लोगों ने उसकी साख को देखते हुए उधार दिए थे, अब उसके गायब होने से सभी पैसे की वसूली को लेकर चिंतित हैं।
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि कालेधन को सफेद करने में माहिर नवजीत की जालसाजी में कुछ बैंक अफसरों की भी मिलीभगत की आशंका है। उसके आठ मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल खंगालने पर इसके इनपुट मिले हैं। देश के बड़े शहरों के हवाला कारोबारियों से कनेक्शन होने के खुलासे के बाद पुलिस की निगाह उसके ऑनलाइन कारोबार भी टिकी है। कॉल डिटेल से कई और चैंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है। पुलिस ने बताया कि नवजीत परिवार समेत रायगढ़ से कुछ साल पहले ही रायपुर में आकर बसा था। यहां भाजपा के बड़े नेताओं, मंत्रियों, रसूखदारों, दवा, सराफा कारोबारियों से अच्छे संबंध बनाकर उसने डेढ़ सौ भी ज्यादा कारोबारियों से 300 करोड़ से अधिक की ठगी की है। ब्याज पर पैसा देने वाले अवंति विहार निवासी मनीष वाधवानी को नया रायपुर में जमीन दिलाने का झांसा देकर नवजीत ने उससे 2 करोड़ 2 लाख रुपए एडवांस ले लिया लेकिन जमीन नहीं दिलाई।
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जांच में खुलासा हुआ है कि नवजीत ने भाजपा के मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोंकने समेत राजधानी और आसपास के जिलों के करीब 150 कारोबारियों को झांसा देकर करोड़ों की रकम ठगने के बाद सारे पैसे तीन बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं। ये तीनों खाते दुर्ग के हैं। करोड़ों की ये रकम नोटबंदी के दौरान जमा कराई गई थी। पुलिस अब इन बैंक खातों का रिकार्ड खंगाल रही है। ठगी की ज्यादातर रकम टुटेजा ने शेयर मार्केट में खपा दिया। सारे ट्रांजेक्शन नोटबंदी के दौरान हुए, लिहाजा शक है कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से काली कमाई को सफेद करने के लिए बैंक में पैसे जमा करवाए गए। अधिकांश रसूखदारों के पास लेन-देन संबंधी कोई दस्तावेज नहीं है। सारा लेनदेन विश्वास में मुंहजुबानी हुआ, लिहाजा ऐसे कारोबारियों ने आयकर विभाग की नजरों में आने से बचने के लिए चुप्पी साध ली है।
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