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जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू : बिहार सरकार अपने स्तर से जातिगत जनगणना कराने की तैयारी में है

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दिल्ली/पटना. जातिगत जनगणना (Caste Census in Bihar) को लेकर एक ओर जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है और बुलावे का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, यह मुद्दा अब एक नया मोड़ लेता दिख रहा है. दरअसल, जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू (JDU MP Sunil Kumar Pintu) ने जातिगत जनगणना पर बड़ा बयान देते हुए सीएम नीतीश कुमार के हवाले से कहा है कि अगर भारत सरकार जाति आधारित जनगणना के लिए तैयार है तो ठीक है नहीं तो हम बिहार में जातिगत जनगणना करवाएंगे. जदयू सांसद ने साफ तौर पर कहा कि यह फैसला बिहार के सीएम का है कि सूबे में जातिगत जनगणना करवाई जाएगी.

जेडीयू सांसद ने आगे बताया कि अगर भारत सरकार मान जाती है और राज्यों को जातिगत जनगणना कराने के अधिकार देने का बिल लाती है तो अच्छी बात है नहीं तो बिहार सरकार अपने स्तर से जातिगत जनगणना कराने की तैयारी में है. बता दें कि गुरुवार को नीतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेज दिया है. समय मिलने के बाद मिलेंगे. नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के सांसदों ने जातिगत जनगणना कराने के लिए लिखकर दिया है और गृहमंत्री अमित शाह से भी सांसदों ने बात की है.

जातिगत जनगणना पर तेजस्वी और सीएम नीतीश साथ-साथ
सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि जाति आधारित जनगणना के लिए प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा. बता दें कि बीते 30 जुलाई को तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार से कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस पर बात करें. विधानसभा स्थित सीएम कक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश और महागठबंधन के सभी दलों के नेताओं के साथ मीटिंग में तेजस्वी ने मांग की थी कि बिहार की ओर से केंद्र सरकार पर यह दबाव डाला जाए कि सरकार जातिगत जनगणना कराए. अगर यह संभव नहीं है तो कर्नाटक की तर्ज पर बिहार सरकार खुद इसकी पहल करे और सूबे में जाति आधारित गिनती का कार्य करे.

मंडल दिवस पर 7 अगस्त को राजद का शक्ति प्रदर्शन
बता दें कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर 7 अगस्त को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर आरजेडी के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे. इसमें जातीय जनगणना कराने, आरक्षित कोटे से बैकलॉग के लाखों रिक्त पद भरने और मंडल आयोग की शेष रिपोर्ट लागू करने की मांग होगी. राजद के महासचिव आलोक कुमार मेहता के अनुसार जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा. इसकी सूचना सभी सांसदों, विधायकों, सभी जिलाध्यक्षों और पार्टी के अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है.

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