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आलाकमान के कहने पे छोड़ दूंगा पद : भूपेश बघेल

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छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 90 में से 70 सीटें है। सरकार चलाने के लिए पार्टी के पास प्रचंड बहुमत है। पंजाब, एमपी और राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ भी अंदरूनी गुटबाजी से जुझ रही है। सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद यह गुटबाजी चरम पर आ गई है। सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव में मेल मिलाप नहीं  है। खुलकर दोनों एक-दूसरे के खिलाफ नहीं बोलते लेकिन इनके समर्थकों में टकराव बनी रहती है। इस पूरे टकराव के पीछे की वजह ढाई-ढाई साल का फॉर्म्युला है। आइए समझते हैं कि यह ढाई-ढाई साल वाला फॉर्म्युला क्या है। इसके आधार पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस का एक खेमा नेतृत्व में बदलाव चाहता है।                

 

बीते एक महीने में झगड़ा काफी बढ़ गया है। इस सुलझाने के लिए दिल्ली में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पंचायत करनी पड़ी है। सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को उन्होंने आमने-सामने बैठाकर बात की है। अगले दिन पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से दोनों नेताओं की मुलाकात हुई है। उसके बाद छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल बुधवार को रायपुर लौट गए हैं। इस दौरान एयरपोर्ट पर उनके समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया है। एयरपोर्ट उनके समर्थक ये नारा लगा रहे थे कि छत्तीसगढ़ अड़ा है, भूपेश बघेल संग खड़ा है।   

 

आलाकमान के कहने पर छोड़ दूंगा पद 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रहे विवादों पर सीएम भूपेश बघेल उखड़े नजर आए हैं।  उन्होंने कहा की यह सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों की है। हमारी सरकार बहुत ही शानदार ढंग से काम कर रही है। मुझे खुशी है कि सोनिया जी और राहुल जी ने ये जिम्मेदारी दी है। उनके आदेश से ही मैं इस पद पर हूं। वे लोग जब कहेंगे, मैं इस पद का त्याग कर दूंगा। इस पर किसी कोई संशय नहीं रहे।  

 

क्या है ढाई-ढाई साल का फॉर्म्युला 

15 साल बाद छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सत्ता आई । सीएम की रेस में कई लोग थे लेकिन प्रबल दावेदार भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव थे। विधानसभा चुनावों के दौरान दोनों की जोड़ी की चर्चा खूब होती थी। दोनों ने चुनावों में जमकर मेहनत की थी। मगर सीएम पद को लेकर दूसरे राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी पेंच फंस गया था। इसके बाद राहुल गांधी के दरबार में यह फैसला हुआ था कि भूपेश बघेल सीएम होंगे। राहुल गांधी ने दोनों को साथ में लेकर तस्वीर ट्वीट किया था। 

सूत्र से पता चला है  कि सहमति इस बात को लेकर बनी थी कि छत्तीसगढ़ में ढाई साल भूपेश बघेल और ढाई साल टीएस सिंह देव सीएम रहेंगे। जून में भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं। इसके बाद से पार्टी के अंदर विवाद बढ़ता जा रहा है। बाबा यानी टीएस सिंह देव इसे लेकर सीधे कुछ नहीं बोलते हैं लेकिन भूपेश समर्थक यह आरोप लगाते रहते हैं कि वह कामकाज में दखल दे रहे हैं। वह सिर्फ इतना कहते रहे हैं कि जो भी होगा, फैसला हाईकमान ही लेगा। 

  

नहीं बदले जाएंगे सीएम 

राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह संदेश दिया गया है कि छत्तीसगढ़ में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। मीटिंग के बाद प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा था कि संगठन के विस्तार को लेकर चर्चा हुई है। नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।   

वेणुगोपाल पहुंचेंगे छत्तीसगढ़

 
वहीं, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर धरातल पर क्या स्थिति है। इसके लिए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। यहां वह प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बात करेंगे। साथ ही उनकी राय भी जानेंगे। वहीं, टीएस सिंह देव अभी रायपुर नहीं लौटे हैं। 

 

सोनिया गांधी लेंगी अंतिम निर्णय
सूत्र बता रहे हैं कि विवाद पर राहुल गांधी के दरबार में कोई नतीजा नहीं निकला है। सोनिया गांधी ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लेंगी। मगर दोनों नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई है। अनुमान  लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना कम ही है। टीएस सिंह देव का कद बढ़ाने पर नेतृत्व जरूर विचार कर सकता है। चर्चाओं के अनुसार उन्हें प्रदेश अध्यक्ष या डेप्युटी सीएम के लिए ऑफर मिल सकता है। मगर आधिकारिक रूप से इस पर अभी कोई बात नहीं हुई है।

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