एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान हनुमान डॉक्टर के रूप में पूजे जाते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर के हनुमान स्वयं अपने एक भक्त का इलाज करने डॉक्टर बनकर पहुंचे थे. इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. श्रद्धालुओं का मानना है कि, डॉ. हनुमान के पास सभी प्रकार के रोगों का कारगर इलाज है.
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इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि एक साधु शिवकुमार दास को कैंसर था. उसे हनुमान जी ने मंदिर में डॉक्टर के वेश में दर्शन दिए थे. वे गर्दन में आला डाले थे, जिसके बाद साधु पूरी तरह स्वस्थ हो गया.
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माना जाता है कि रोगों के लिए हनुमान जी की भभूत कारगर है. विशेष रूप में फोड़ा और हड्डी से जुड़ी बीमारियां भी मंदिर की पांच परिक्रमा करने पर ठीक हो जाती हैं.
यह मंदिर मध्यप्रदेश के ग्वालियर से करीब 70 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे भिंड जिले के दंदरौआ सरकार धाम में है. यहां डॉक्टर हनुमान के पास अच्छी सेहत की उम्मीद लेकर लाखों श्रद्धालु जुटते है.
300 साल पहले हनुमानजी की यह मूर्ति नीम के पेड़ से छिपी थी. पेड़ को काटने पर गोपी वेषधारी हनुमान जी की ये प्राचीन मूर्ति प्राप्त हुई थीं. तब से मूर्ति की पूजा-अर्चना शुरू की गई.
यहां हनुमान जी की जो मूर्ति है वो नृत्य की मुद्रा में है. यह देश की अकेली ऐसी मूर्ति है, जिसमें हनुमान जी को नृत्य करते हुए दिखाया गया है.
श्रद्धालुओं का दर्द दूर करने वाले हनुमान जी को पहले दर्दहरौआ कहा जाने लगा, जो कि अपभ्रंश होकर दंदरौआ हो गया.
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