मृत्यु जीवन का शाश्वत सत्य है। जो भी इस धरती पर आया है उसका मरना भी तय है। पर क्या आप जानते है कि कई बार मौत को छूकर वापस आने का भी चमत्कार हुआ है। कई लोग मरकर वापस इस धरती पर जन्म लेते हैं। और कई लोग इस जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं।
आज हम इसपर बात करेंगे की मौत दर्दनाक होती है या सरल। मर कर वापस आने वाले लोग मौत को किस तरह से बयां करते है।
कई लोगों ने कुछ सेकेंड या मिनट के लिए मरकर वापस आने के दावा किया हैं। हालांकि उन सबके अनुभव बहुत अलग-अलग रहे। आज तक कोई भी पुख्ता तौर पर यह नहीं बता पाया कि मौत होते वक्त आखिर कैसा लगता है। वहीं मौत होने के बाद आखिर क्या होता है आत्मा कहा जाती है। इस बारे में भी लोगों ने अपने अलग अनुभव बताए हैं।
कई लोगों के लिए मृत्यु के बाद शैतानों से प्रताड़ित किया जाने का दावा भी किया गया है। साथ ही कई मरने वालों ने सुकून भरी दुनिया देखने का दावा किया है।
मौत को जीवन की साइंटिफिक थ्योरी की बात करें तो डॉक्टर थॉमस फ्लेसचैमन ने करीब 2000 लोगों को अपनी आंखों से मरता हुआ देखा हैं। और मरते मरीजों के अनुभव के आधार पर उन्होंने मौत के 5 चरण बताए हैं।
1. उनके अनुसार, मौत के समय इंसान का सारा दर्द, चिंताएं, डर खत्म हो जाता है। उसे कोई शोर सुनाई नहीं देता और हर तरफ शांति महसूस होती है। उनके अनुसार कुछ लोगों ने मरते वक्त अजीब सी खुशी को महसूस करने की बात कही।
2. डॉक्टर थॉमस ने जानकारी दी कि इस चरण में लोगों को अलग ही अनुभव होता है जिसको जाहिर करना बहुत मुश्किल होता है। कई लोगों ने कहा कि हवा में उड़ने जैसी अनुभूति होती है और कुछ लोगों को लगता है कि शरीर बहुत हल्का हो चुका है।
3. आगे उन्होंने रिपोर्ट में दावा किया कि यह चरण इंसान को राहत देने वाला होता है। इसमें 98 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्हें बहुत आराम मिलता है। साथ ही 2 प्रतिशत लोगो ने बताया कि यह उन्हें बहुत भयानक आवाजें, गंध और खौफनाक जीव दिखाई दिए।
4. चौथे चरण में मरने वालो ने बताया कि शख्स को बहुत तेज रोशनी दिखाई देती है और वो बेहद तेज, गर्म और अपनी तरफ खींचने वाली रोशनी होती है और पास जाते हुए यह धीरे-धीरे काले अंधकार में तब्दील हो जाती है।
5.आखरी चरण में मृत्यु के बाद वापस आने वाले 10 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें एक खूबसूरत दुनिया दिखी। जहां सुंदर सुंदर रंग और सुंदर संगीत सुनाई दे रहे थे। वहां पहुंचने के बाद प्यार भारी अजीब सी अनुभूति होती थी।
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।