Home राष्ट्रीय साहिबगंज में ‘जमीन विवाद’: पाकिस्तानी रिश्तेदारों की विरासत पर दबंगई का आरोप

साहिबगंज में ‘जमीन विवाद’: पाकिस्तानी रिश्तेदारों की विरासत पर दबंगई का आरोप

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साहिबगंज में 'जमीन विवाद': पाकिस्तानी रिश्तेदारों की विरासत पर दबंगई का आरोप
साहिबगंज में 'जमीन विवाद': पाकिस्तानी रिश्तेदारों की विरासत पर दबंगई का आरोप

साहिबगंज में एक विवादित जमीन को लेकर तनाव बढ़ गया है, जो मुसर्रत तहसीन नाम की एक महिला से जुड़ा है, जिनका 29 जनवरी 2021 को निधन हो गया था। यह जमीन एलसी रोड स्थित मौजा कजरोटिया दाग नंबर 510, जेबी नंबर 234 पर स्थित है। मुसर्रत के पति एक वकील थे, जिनका भी पहले ही निधन हो चुका था।

जमीन विवाद: एक परिवार की विरासत और दबंगई का आरोप

महिला के कोई जीवित उत्तराधिकारी नहीं थे, और उनके परिवार के सदस्य पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहते थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि एक स्थानीय दबंग द्वारा इस जमीन को हड़पने की कोशिश की जा रही है, और इस संबंध में भारत सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम 2017-18 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है।

स्थानीय लोगों के दावे

स्थानीय ग्रामीणों ने उपायुक्त हेमंत सती को एक आवेदन दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि यह जमीन “खासमहाल” है, जिसका दाग नंबर 509 है। उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला के कोई उत्तराधिकारी नहीं हैं, इसलिए जिला प्रशासन को इस जमीन को अपने कब्जे में लेना चाहिए।

आरोपों की जांच के लिए आवाज उठाई गई

लोगों ने जमीन की खरीद-बिक्री की जांच करने, मालिक के हस्ताक्षरों की वैधता की जांच करने और जमीन के दस्तावेजों की गहन जांच करने की मांग की। उनका मानना ​​है कि सरकार को जमीन पर अपना अधिकार स्थापित करना चाहिए और इसका इस्तेमाल समाज के हित में अल्पसंख्यक धर्मशाला और विवाह भवन बनाने के लिए करना चाहिए, जिससे समाज के सभी लोगों को इसका लाभ मिल सके।

अधिकारियों की कार्रवाई: जांच का आदेश दिया गया

इस जमीन विवाद की जांच करने के लिए उपायुक्त हेमंत सती ने सदर एसडीओ को एक महीने के अंदर दोनों पक्षों को बुलाकर जांच करने का निर्देश दिया। एसडीओ को एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।

दबंगई और संपत्ति अधिकारों का संघर्ष

यह मामला साफ तौर पर एक दबंग व्यक्ति द्वारा संपत्ति अधिकारों का उल्लंघन करने के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों और विरासत के मुद्दों को उजागर करता है। यह घटना संपत्ति अधिकारों और उनके संरक्षण को लेकर व्यापक सामाजिक चिंताओं को सामने लाती है।

संपत्ति विवादों और शत्रु संपत्ति अधिनियम

साहिबगंज की घटना शत्रु संपत्ति अधिनियम 2017-18 के कार्यान्वयन के महत्व को रेखांकित करती है। यह अधिनियम 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों के दौरान पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा छोड़ी गई संपत्तियों को वापस भारत सरकार के कब्जे में लेने का लक्ष्य रखता है। यह अधिनियम वैध संपत्ति उत्तराधिकार और संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, साथ ही दबंगई और गैरकानूनी अधिग्रहण से रोकथाम कर सकता है।

संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा

यह मामला एक बार फिर से संपत्ति अधिकारों और विरासत संपत्ति के संरक्षण की आवश्यकता को उजागर करता है। ऐसे मामलों में सरकारी अधिकारियों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे संपत्ति के सही उत्तराधिकारियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए पारदर्शी और न्यायपूर्ण प्रक्रिया ensures करते हैं।

निष्कर्ष (Take Away Points)

  • साहिबगंज जमीन विवाद संपत्ति अधिकारों के संरक्षण, दबंगई के खिलाफ संघर्ष और विरासत संपत्ति के सुरक्षित प्रबंधन के महत्व को उजागर करता है।
  • यह मामला शत्रु संपत्ति अधिनियम 2017-18 की भूमिका और उसके प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता को भी उजागर करता है।
  • स्थानीय लोगों और सरकार को साथ मिलकर काम करना होगा ताकि संपत्ति के उचित और न्यायपूर्ण प्रबंधन को सुनिश्चित किया जा सके और दबंगई को रोका जा सके।
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