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गहन मस्तिष्क उत्तेजना: एक नई उम्मीद की किरण

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गहन मस्तिष्क उत्तेजना: एक नई उम्मीद की किरण
गहन मस्तिष्क उत्तेजना: एक नई उम्मीद की किरण

गहन मस्तिष्क उत्तेजना (डीबीएस) सर्जरी: बहरे और गूंगे युवक का जीवन बदलने वाली कहानी

एक 23 वर्षीय युवक, जो जन्म से ही एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति के कारण बहरा और गूंगा था, को हैदराबाद के निज़ाम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में गहन मस्तिष्क उत्तेजना (डीबीएस) सर्जरी के बाद गंभीर डायस्टोनिया से उल्लेखनीय रूप से रिकवरी हुई है। यह युवक गर्दन और शरीर की अनियंत्रित और दर्दनाक मुड़ने वाली गतिविधियों से पीड़ित था, जिससे वह बिना सहायता के खाना नहीं खा पाता था, चल नहीं पाता था और दैनिक क्रियाएँ नहीं कर पाता था। इस स्थिति ने उसे पूरी तरह से अपने माता-पिता पर निर्भर बना दिया था, जो उसके देखभालकर्ता थे। NIMS के डॉक्टरों द्वारा सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के बाद, उसे डीबीएस के लिए उपयुक्त उम्मीदवार माना गया, जो एक उन्नत न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया है जो असामान्य गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में विद्युत आवेग प्रदान करती है। मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) से वित्तीय सहायता के माध्यम से यह सर्जरी संभव हुई।

डीबीएस सर्जरी: एक जीवन बदलने वाली तकनीक

डीबीएस, जो पार्किंसंस रोग, आवश्यक कंपकंपी और डायस्टोनिया जैसी स्थितियों के लिए परिवर्तनकारी रही है, एक ‘मस्तिष्क पेसमेकर’ को प्रत्यारोपित करके काम करती है जो मस्तिष्क को विद्युत संकेत भेजता है। ये संकेत अनैच्छिक गतिविधियों, कठोरता और कंपकंपी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं जो इन विकारों की विशेषता हैं। इस सर्जरी की सफलता दर काफी उम्मीदजनक है और कई मरीज़ों को इस तकनीक से लाभ हुआ है। यह प्रक्रिया कम आक्रामक है और कई अन्य उपचारों के मुकाबले साइड इफेक्ट्स कम होते हैं। हालांकि यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमे मस्तिष्क के अंदर इलेक्ट्रोड लगाने की आवश्यकता होती है।

डीबीएस सर्जरी का महत्व

डीबीएस सर्जरी न केवल मरीज के शारीरिक जीवन को बेहतर बनाती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। डायस्टोनिया जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग अक्सर सामाजिक और भावनात्मक रूप से अलगाव महसूस करते हैं। डीबीएस सर्जरी से उनको अपनी सामान्य जिंदगी जीने में मदद मिलती है और वे अधिक आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनते हैं। यह सर्जरी उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती है।

डीबीएस सर्जरी के बाद देखभाल

सफल डीबीएस सर्जरी के बाद भी, मरीजों को लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता होती है। नियमित चेकअप और फॉलोअप के साथ-साथ भौतिक चिकित्सा और व्यायाम की आवश्यकता होती है, ताकि रोगी के शरीर की पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। मस्तिष्क के संकेतों को लगातार मॉनिटरिंग की भी आवश्यकता होती है ताकि आवश्यक समायोजन किया जा सके।

युवक की सफल सर्जरी और इसके परिणाम

इस युवक के मामले में, डीबीएस सर्जरी के बाद उसके लक्षणों में नाटकीय सुधार हुआ। उसका गंभीर डायस्टोनिया कम हो गया, जिससे वह स्वतंत्र रूप से चल पाया, खुद खा पाया और दैनिक कार्य कर पाया। इस सफलता से उसके माता-पिता अभिभूत हो गए, और उन्होंने इस सर्जरी को चमत्कार से कम नहीं बताया। यह दर्शाता है कि डीबीएस सर्जरी गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकारों वाले व्यक्तियों के लिए एक परिवर्तनकारी चिकित्सा हो सकती है। इस युवक की कहानी डीबीएस सर्जरी की क्षमता और आशा का एक प्रमाण है।

सरकार द्वारा डीबीएस सर्जरी को शामिल किया जाना

तेलंगाना सरकार द्वारा हाल ही में अपनी आरोग्य श्री और कर्मचारी स्वास्थ्य योजनाओं (EHS) में डीबीएस सर्जरी को शामिल करने से कम आय वाले मरीजों के लिए यह महंगा इलाज सुलभ हो गया है। यह निर्णय इस तकनीक को उन लोगों के लिए उपलब्ध कराता है जिन्हें अन्यथा इस जीवन-परिवर्तनकारी चिकित्सा का लाभ उठाने में कठिनाई होती। इससे और लोगों को इस तकनीक का लाभ उठाने का मौका मिलेगा और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाया जा सकेगा।

डीबीएस सर्जरी के लाभ और चुनौतियाँ

डीबीएस सर्जरी अत्यधिक प्रभावी है लेकिन चुनौतियाँ भी हैं। यह एक महंगी प्रक्रिया है, जिसमें विशेष उपकरणों और प्रशिक्षित सर्जनों की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया हमेशा सफल नहीं होती, और कुछ मरीजों को साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है, जैसे संक्रमण या रक्तस्राव। तब भी, सर्जरी के लाभ, कई मरीजों के लिए इससे जुड़ी जीवनशैली में सुधार और उनकी स्वतंत्रता में वृद्धि से कहीं अधिक हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

डीबीएस प्रौद्योगिकी में निरंतर प्रगति हो रही है और नए अनुसंधान इसके उपयोग और इसके परिणामों को और बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं। भविष्य में इसकी कीमतों में कमी और प्रक्रिया की सुगमता और अधिक लोगों को इस जीवन-परिवर्तनकारी चिकित्सा का लाभ उठाने में मदद कर सकती है।

निष्कर्ष

इस युवक की कहानी गहन मस्तिष्क उत्तेजना (डीबीएस) सर्जरी की क्षमता का एक उल्लेखनीय उदाहरण है। यह सर्जरी डायस्टोनिया और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकारों वाले लोगों के लिए आशा और एक नया जीवन प्रदान कर सकती है। सरकार की पहल से कम आय वाले लोग भी इस जीवन-बदलने वाले उपचार का लाभ उठा पाएंगे।

टेकअवे पॉइंट्स:

  • डीबीएस सर्जरी गंभीर डायस्टोनिया और अन्य गतिशीलता विकारों के इलाज में एक प्रभावी प्रक्रिया है।
  • यह सर्जरी मरीजों को अपनी स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में मदद कर सकती है।
  • तेलंगाना सरकार द्वारा इस सर्जरी को सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में शामिल करना एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • डीबीएस सर्जरी एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें संभावित जोखिम और साइड इफेक्ट्स होते हैं।
  • डीबीएस प्रौद्योगिकी में निरंतर सुधार हो रहा है, जिससे भविष्य में और अधिक मरीजों को लाभ होगा।
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