भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी का अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी का तीन देशों का दौरा हाल ही में संपन्न हुआ है। यह यात्रा न केवल भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को और मजबूत करने का प्रतीक है, बल्कि एक ऐतिहासिक पड़ाव भी है, क्योंकि यह पहला मौका था जब किसी भारतीय राष्ट्रपति ने इन तीनों देशों का दौरा किया। इस यात्रा में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाए गए। आइये इस यात्रा के मुख्य बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं:
राष्ट्रपति मुर्मु का अफ्रीका दौरा: भारत-अफ्रीका संबंधों का नया आयाम
यह तीन देशों का दौरा, भारत की अफ्रीका नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भारत और अफ्रीकी देशों के बीच के संबंधों को गहरा करने और बढ़ाने के लिए समर्पित है। यह यात्रा सिर्फ़ औपचारिक मुलाक़ातों तक सीमित नहीं रही, बल्कि व्यापक द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया। राष्ट्रपति मुर्मु ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, खनन, पर्यटन और ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की, जिससे दोनों देशों को आर्थिक और सामाजिक विकास में मदद मिलेगी।
अल्जीरिया में सम्मान और द्विपक्षीय संबंधों का मज़बूती
अल्जीरिया में राष्ट्रपति मुर्मु को मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया, जो भारत और अल्जीरिया के बीच मज़बूत संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमजिद टेबबौने से मुलाक़ात कर कई क्षेत्रों में संबंधों को और मज़बूत करने पर सहमति जताई। यह दर्शाता है कि भारत अल्जीरिया के साथ रणनीतिक साझेदारी को महत्व देता है और दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग का विस्तार करने के इच्छुक हैं। इसके अलावा, विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर ने आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग के नए आयाम खोले हैं।
मॉरिटानिया में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार
मॉरिटानिया में, राष्ट्रपति मुर्मु ने राष्ट्रपति मोहम्मद ओउल्ड गज़ौआनी से मुलाक़ात की और द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने पर बातचीत की। इस दौरान कूटनीतिक प्रशिक्षण और वीज़ा छूट जैसे कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौते दोनों देशों के बीच लोगों के आदान-प्रदान और व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाएंगे। यह साफ़ दर्शाता है कि भारत मॉरिटानिया के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और दोनों देश एक-दूसरे के विकास में मदद करने को तैयार हैं। इस दौरे से दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग का वातावरण और मज़बूत हुआ है।
मलावी में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक सहयोग
मलावी में, राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने समकक्ष लाजरस मैकार्थी चकवेरा से बातचीत की और विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, खनन, पर्यटन और ऊर्जा में सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने स्थानीय राधा कृष्ण मंदिर का भी दौरा किया, जो भारतीय डायस्पोरा के सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसके अलावा, मलावी की झील का दौरा भी किया गया जो मलावी की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस दौरे में कला और संस्कृति, खेल और दवा सहयोग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर भी शामिल थे, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह यात्रा मलावी के लोगों के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों और सहयोग को दर्शाता है।
भारत और अफ्रीका के बीच रणनीतिक साझेदारी का मज़बूती
राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा भारत की अफ्रीका के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दिखाती है। यह दौरा भारत और अफ्रीकी देशों के बीच के मज़बूत संबंधों का प्रतीक है और द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के भारत के प्रयासों को प्रदर्शित करता है। इन तीनों देशों के साथ हुए समझौते आने वाले समय में आर्थिक विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करेंगे। यह यात्रा एक ऐसा उदाहरण है जिससे दोनों क्षेत्रों के बीच भविष्य में सहयोग और मज़बूत होंगे।
टेक अवे पॉइंट्स:
- राष्ट्रपति मुर्मु का अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी का दौरा भारत-अफ्रीका संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ता है।
- कई क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।
- यह यात्रा भारत के अफ्रीका के साथ रणनीतिक साझेदारी के महत्व को दर्शाता है।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिला।
- यह यात्रा भारत और अफ्रीकी देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों और आपसी विकास की इच्छा का प्रतीक है।
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