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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: मतदाता सूची विवाद गहराया

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: मतदाता सूची विवाद गहराया
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: मतदाता सूची विवाद गहराया

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले, महा विकास अघाड़ी (MVA) ने चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। MVA नेताओं का दावा है कि ECI के कामकाज में पारदर्शिता का अभाव है और विपक्षी दलों के समर्थक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। यह आरोप राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने और निष्पक्षता पर सवाल उठाने वाले हैं। कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP (SP) के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारी सत्तारूढ़ दलों के दबाव में काम कर रहे हैं और इस मामले में ECI से निष्पक्ष कार्रवाई की अपेक्षा की है।

मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप

विपक्षी दलों का आरोप

MVA नेताओं का कहना है कि मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए उपयोग किए जा रहे फॉर्म नंबर 7 का इस्तेमाल, विपक्षी दलों के समर्थक मतदाताओं के नाम हटाने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला राज्य सरकार के प्रभाव में काम कर रही हैं और उनके पद से हटाए जाने से निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर इस पूरे मामले के पीछे होने का आरोप लगाया है। पटोले के अनुसार, भाजपा के चुनाव हारने के डर से यह कार्रवाई की जा रही है और कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP (SP) के समर्थक मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता का बयान

विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि ECI को फॉर्म नंबर 7 स्वीकार नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनावों में जहां MVA को बढ़त मिली थी, वहां 2,500 से 10,000 तक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा लगता है जिसका उद्देश्य चुनाव परिणामों को प्रभावित करना है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और जांच करने की मांग की है।

चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल

पारदर्शिता की कमी का आरोप

MVA नेताओं ने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि मतदाता सूची में किए जा रहे बदलावों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है और न ही कोई उचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यह चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का प्रयास है।

निष्पक्ष चुनावों की मांग

MVA नेताओं ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह इस मामले में तत्काल संज्ञान ले और निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि मतदाता सूची में किए गए सभी परिवर्तनों की जांच की जाए और यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

नशीक मध्य विधानसभा क्षेत्र में 6000 मतदाताओं के नाम गायब

शिवसेना (UBT) नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि नशीक मध्य विधानसभा क्षेत्र में 6,000 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कलेक्टर से इस मामले में शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह आरोप गंभीर है और चुनावों की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाता है। इस तरह की गड़बड़ियों से चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता कम हो सकती है।

आगे क्या?

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और 23 नवंबर को मतगणना होगी। MVA का यह आरोप चुनाव प्रक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े करता है। यह देखना होगा कि ECI इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई करता है और क्या वह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने में सक्षम होगा। MVA की मांगों को पूरा करने और मतदाताओं के हितों की रक्षा करना ECI के लिए अत्यंत जरूरी है।

मुख्य बिन्दु:

  • MVA ने चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों के समर्थक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने का आरोप लगाया है।
  • MVA नेताओं ने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी और सत्तारूढ़ दलों के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है।
  • विपक्षी नेताओं ने मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए उपयोग किए जा रहे फॉर्म 7 की जांच करने और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
  • नशीक मध्य विधानसभा क्षेत्र में 6000 मतदाताओं के नाम गायब होने की खबर ने चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
  • ECI से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने की अपेक्षा की जा रही है।
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