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बहराइच हिंसा: व्यापारियों पर कार्रवाई से बढ़ा तनाव

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बहराइच हिंसा: व्यापारियों पर कार्रवाई से बढ़ा तनाव
बहराइच हिंसा: व्यापारियों पर कार्रवाई से बढ़ा तनाव

बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई से व्यापारियों में दहशत का माहौल है। दुकानों को गिराए जाने की आशंका के चलते व्यापारी अपना सामान बचाने में जुटे हुए हैं। यह घटना उस समय हुई जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान सांप्रदायिक झड़प हुई थी। प्रशासन की यह कार्रवाई व्यापारियों में भारी आक्रोश का कारण बनी हुई है और लोगों में असुरक्षा की भावना व्याप्त है। इस घटनाक्रम पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और प्रभावित लोगों को न्याय मिल सके।

प्रशासन की कार्रवाई और व्यापारियों की चिंता

नोटिस और दुकानों को खाली कराने का आदेश

शनिवार को बहराइच में प्रशासन द्वारा 23 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से संपत्ति खाली करने का आदेश दिया गया। इनमें से 20 प्रतिष्ठान मुस्लिम समुदाय के लोगों के थे। इससे व्यापारियों में भारी आक्रोश और भय व्याप्त है। व्यापारी अपने जीवन की कमाई और आजीविका को खोने की आशंका से डरे हुए हैं। BJP विधायक सुरेश्वर सिंह के अनुसार, लगभग 50 दुकानों में से ज़्यादातर को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। इस कठोर रवैये से व्यापारियों में निराशा और गुस्सा बढ़ रहा है। यह कार्रवाई सांप्रदायिक हिंसा के बाद की गई है जिससे पूरे मामले में साम्प्रदायिक रंग देने की आशंका है।

भवनों का माप और अवैध निर्माण का दावा

शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग ने महराजगंज इलाके में कई घरों का निरीक्षण कर उनका माप लिया था। इसमें राम गोपाल मिश्रा की हत्या के आरोप में शामिल अब्दुल हमीद के घर का भी माप लिया गया था। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि यह वार्षिक रूप से की जाने वाली एक नियमित प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य सड़क के चौराहों या मोड़ पर बने अवैध मकानों को चिन्हित करना है। अधिकारी ने यह भी दावा किया कि अवैध निर्माणों को सड़क नियंत्रण अधिनियम, 1964 के तहत नोटिस जारी किए जाएंगे। अब्दुल हमीद के घर पर जारी नोटिस में कहा गया है कि यह निर्माण अवैध है क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के मध्य बिंदु से 60 फीट के भीतर बना है, जो कि अनुमति नहीं है। इस दावे की जाँच और पारदर्शिता की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह केवल एक नियमित कार्रवाई है और किसी भी प्रकार का दुष्प्रचार नहीं है।

सांप्रदायिक हिंसा और उसके परिणाम

हिन्दू युवक की हत्या और सांप्रदायिक तनाव

कुछ दिनों पहले महराजगंज इलाके में सांप्रदायिक झड़प के दौरान एक 22 वर्षीय हिंदू युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाली घटना है। हत्या की इस घटना से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है और क्षेत्र में डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। ऐसी घटनाएँ सामाजिक ताने-बाने को कमज़ोर करती हैं और आपसी विश्वास को नष्ट करती हैं। इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जाँच की आवश्यकता है और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।

समाजवादी पार्टी नेता को आने से रोका गया

शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पाण्डेय को कलेक्टर द्वारा अग्रिम सूचना देकर बहराइच आने से रोक दिया गया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें बताया गया कि वे बहराइच न जाएं क्योंकि वहां स्थिति और बिगड़ सकती है। इससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन राजनीतिक कारणों से भी व्यापक रूप से कार्रवाई कर रही है। राजनीतिक दखल से बचकर निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए, ताकि आरोपी को सज़ा मिल सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके। यह घटना पूरे घटनाक्रम पर संदेह पैदा करती है।

प्रशासन के दावे और विरोध

सड़क चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाने का दावा

जिलाधिकारी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जिले में सड़कें चौड़ी करने के लिए अतिक्रमण हटाया जा रहा है। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि यह कार्रवाई सांप्रदायिक तौर पर प्रेरित है। प्रशासन की कार्रवाई से यह सवाल उठता है कि क्या यह वास्तव में सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है या कुछ और ही मकसद है? यह जानने के लिए जरूरी है की क्या अतिक्रमण हटाने का सही तरीका अपनाया गया और क्या सभी को उचित प्रक्रिया का पालन करने दिया गया या नहीं। यह अहम सवाल है जिसका जवाब प्रशासन को देना होगा।

न्याय और सुरक्षा की मांग

व्यापारियों और प्रभावित समुदायों द्वारा न्याय और सुरक्षा की मांग की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता का आह्वान किया है। उनके डर को दूर करने और उन्हें भरोसा दिलाने की ज़रूरत है। समाधानोन्मुख दृष्टिकोण के साथ समस्या का निराकरण किया जाना चाहिए। कानून का शासन सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।

निष्कर्ष:

बहराइच में हुई घटनाओं ने सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और प्रशासन की कार्रवाई पर कई सवाल उठाए हैं। न्याय, पारदर्शिता और प्रभावित समुदायों के साथ संवाद की तत्काल आवश्यकता है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक समाधान खोजे जाने चाहिए।

टेकअवे पॉइंट्स:

  • बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रशासन की कार्रवाई से व्यापारियों में भय और आक्रोश व्याप्त है।
  • प्रशासन द्वारा 23 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी कर संपत्ति खाली करने का आदेश दिया गया है।
  • सांप्रदायिक हिंसा और एक युवक की हत्या ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है।
  • प्रशासन द्वारा सड़क चौड़ीकरण का दावा किया जा रहा है, लेकिन व्यापारियों का मानना है कि यह कार्रवाई सांप्रदायिक तौर पर प्रेरित है।
  • न्याय, पारदर्शिता और प्रभावित समुदायों के साथ संवाद की तत्काल आवश्यकता है।
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