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टाटा ट्रस्ट्स: आंध्र प्रदेश में विकास की कहानी

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टाटा ट्रस्ट्स: आंध्र प्रदेश में विकास की कहानी
टाटा ट्रस्ट्स: आंध्र प्रदेश में विकास की कहानी

टाटा ट्रस्ट्स और आंध्र प्रदेश: एक सफल साझेदारी

यह लेख टाटा ट्रस्ट्स और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच पिछले एक दशक में हुए सहयोग और उनके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डालता है। रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा ट्रस्ट्स ने आंध्र प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रतन टाटा के निधन के दिन ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा विशाखापत्तनम में 10,000 सीटों की सुविधा स्थापित करने की घोषणा हुई, जो एक ऐतिहासिक संयोग था।

सामुदायिक सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास

एकीकृत बहु-विषयक दृष्टिकोण

टाटा ट्रस्ट्स ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करके सामुदायिक सशक्तिकरण और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार के लिए एक एकीकृत बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बांस की खेती, मत्स्य पालन, पोषण और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन, साथ ही सूक्ष्म नियोजन और संसद आदर्श ग्राम योजना के आधार पर ग्राम विकास जैसे क्षेत्रों में हस्तक्षेप करना था।

विजयवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में शुरुआत और राज्यव्यापी विस्तार

2014-19 की पहली छमाही में, इस कार्यक्रम को शुरू में विजयवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के 264 गांवों में शुरू किया गया था। रतन टाटा स्वयं विजयवाड़ा गए और ग्राम विकास योजनाओं (VDPs) की प्रगति की जांच की। उन्होंने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के साथ विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों की पहलों को लागू करने में सरकार को मदद करने पर उपयोगी चर्चाएँ कीं। VDPs की सफलता के आधार पर, टाटा ट्रस्ट्स ने राज्य भर में अपने हस्तक्षेपों का विस्तार किया।

स्वास्थ्य सेवा में योगदान

कैंसर अस्पताल और टेलीमेडिसिन सुविधाएँ

टाटा ट्रस्ट्स ने राज्य सरकार और अलमेलु धर्मार्थ फाउंडेशन के समर्थन से तिरुपति में कैंसर के इलाज के लिए एक बड़ा अस्पताल स्थापित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मुख्य रूप से कृष्णा जिले में टेलीमेडिसिन सुविधाएँ प्रदान करके, मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ और कम लागत पर प्रयोगशाला सेवाएँ आयोजित करके सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आंगनवाड़ी केंद्रों का पुनर्विकास और क्षमता निर्माण

टाटा ट्रस्ट्स ने राज्य के चार जिलों में 13,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण अभ्यास किए और 250 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों का नवीनीकरण किया। इन प्रयासों से आंगनवाड़ी कार्यक्रमों की प्रभावशीलता बढ़ी और बच्चों और महिलाओं को बेहतर सेवाएं मिलीं।

किसानों का सशक्तिकरण और डिजिटल साक्षरता

नई खेती की तकनीकें और “लक्ष्धारी रैथु” कार्यक्रम

टाटा ट्रस्ट्स ने मधुमक्खी पालन और हल्दी की खेती जैसे नए क्षेत्रों में किसानों को प्रशिक्षण देकर उनके लिए आय का एक नया जरिया बनाने में मदद की, जो “लक्ष्धारी रैथु” कार्यक्रम के अंतर्गत आया। चित्तूर जिले के प्रशासन और टाटा ट्रस्ट्स द्वारा संयुक्त रूप से विकसित “चित्तूर हनी” ब्रांड एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी।

डिजिटल साक्षरता और “इंटरनेट साथी” कार्यक्रम

टाटा ट्रस्ट्स ने 4.20 मिलियन से अधिक लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण प्रदान किया और Google के सहयोग से “इंटरनेट साथी” कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं का विस्तार किया। इसने ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल क्रांति से जोड़ने और लोगों की पहुंच बढ़ाने में मदद की।

कोरोना महामारी और भविष्य के निवेश

टाटा ट्रस्ट्स ने कोरोनावायरस महामारी से निपटने में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार को समर्थन की पेशकश की, और टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की और राज्य में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की। यह आगे की सहभागिता और विकास की संभावनाओं को दर्शाता है।

मुख्य बिन्दु:

  • टाटा ट्रस्ट्स ने आंध्र प्रदेश में सामुदायिक सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा और कृषि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • ग्राम विकास योजनाओं (VDPs), टेलीमेडिसिन, आंगनवाड़ी केंद्रों के नवीनीकरण और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों से व्यापक लाभ हुआ है।
  • टाटा ट्रस्ट्स और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच मजबूत साझेदारी ने राज्य के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • कोरोना महामारी के दौरान भी टाटा ट्रस्ट्स ने राज्य को सहयोग दिया और आगे निवेश की इच्छा व्यक्त की।
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