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एम्स: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति

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एम्स: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति
एम्स: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति

नई एम्स संस्थानों के माध्यम से भारत में चिकित्सा शिक्षा में सुधार

भारत सरकार चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में व्यापक सुधारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा हाल ही में दिए गए एक भाषण में, उन्होंने देश भर में नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधारों पर ज़ोर दिया गया है। यह भाषण देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल मिल सके। इस लेख में हम नई एम्स संस्थानों के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा में होने वाले परिवर्तनों पर गहराई से विचार करेंगे।

एम्स संस्थानों की गुणवत्ता बनाए रखना

शिक्षण मानकों का संरक्षण

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि वे सभी नए एम्स संस्थानों में शिक्षण और संकाय के मानकों में किसी भी प्रकार के समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने एम्स के ब्रांड नाम की सुरक्षा का वादा किया है। यह घोषणा इस बात पर ज़ोर देती है कि सरकार नई एम्स संस्थानों को उसी उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण और चिकित्सा देखभाल के मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी एम्स दिल्ली जानी जाती है। यह उत्कृष्ट शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक प्रतिबद्धता दर्शाता है जो उच्च स्तरीय चिकित्सा पेशेवरों का उत्पादन करने में सक्षम है।

संकाय नियुक्तियों में कोई समझौता नहीं

नड्डा जी ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि संकाय भर्ती में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उच्च-गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा के लिए अनुभवी और योग्य संकाय की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि छात्रों को नवीनतम चिकित्सा प्रगति के बारे में सबसे अच्छा संभव प्रशिक्षण मिलेगा और उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए तैयार होंगे। यह एम्स संस्थानों में शिक्षा की उच्च गुणवत्ता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आयुष्मान भारत योजना और निवारक स्वास्थ्य सेवाएं

आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की भूमिका

सरकार ने निवारक स्वास्थ्य सेवा और बीमारियों के शुरुआती पता लगाने पर जोर दिया है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन केंद्रों में लोगों की बड़ी संख्या पहुँच रही है और बड़े पैमाने पर गैर-संचारी रोगों (NCDs) की जांच की जा रही है। यह देश में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और लोगों को रोगों से बचाव और प्रारंभिक उपचार प्राप्त करने में मदद कर रहा है।

मातृ और शिशु स्वास्थ्य में प्रगति

सरकार ने मातृ और शिशु स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण प्रगति की है। संस्थागत प्रसव में वृद्धि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का प्रमाण है। यह मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह साबित करता है कि सरकारी कार्यक्रम जन स्वास्थ्य परिणामों में प्रभावी रूप से परिवर्तन ला सकते हैं।

चिकित्सा शिक्षा में वृद्धि और विकास

चिकित्सा महाविद्यालयों में वृद्धि

सरकार ने चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इससे चिकित्सा पेशेवरों की संख्या में वृद्धि हुई है और देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार हुआ है। इससे ग्रामीण और दूर-दराज़ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच भी बेहतर हुई है।

एमबीबीएस और पीजी सीटों में वृद्धि

एमबीबीएस और स्नातकोत्तर (पीजी) सीटों में वृद्धि ने चिकित्सा शिक्षा के अवसरों का विस्तार किया है। यह देश को अधिक चिकित्सा पेशेवर प्रदान करने में सहायक होगा जो देश के स्वास्थ्य सेवा ढांचे को और मज़बूत करेंगे। यह युवाओं के लिए अधिक अवसर प्रदान करता है और स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर कैरियर के रास्ते खोलता है।

आयुष्मान भारत योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाएँ

आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई का प्रभाव

आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई योजना देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इस योजना ने लाखों लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है और उनकी स्वास्थ्य देखभाल लागत को कम किया है। यह स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुँच को सुनिश्चित करता है और विशेष रूप से कम आय वाले लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित होता है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा

सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई को विस्तारित किया है। यह साबित करता है कि सरकार वृद्ध आबादी की जरूरतों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

स्वच्छ भारत अभियान का योगदान

स्वच्छ भारत अभियान ने बाल मृत्यु दर को कम करने में योगदान दिया है। साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता में सुधार से संक्रामक रोगों में कमी आई है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। इस अभियान ने जन स्वास्थ्य में व्यापक प्रभाव डाला है।

मुख्य बातें:

  • नए एम्स संस्थानों में उच्च शिक्षण मानकों को बनाए रखने पर सरकार का जोर।
  • आयुष्मान भारत योजना और निवारक स्वास्थ्य सेवाओं पर ज़ोर।
  • चिकित्सा शिक्षा के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि।
  • वरिष्ठ नागरिकों और अन्य कमजोर वर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार।
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