रिश्ता टूटना बेहद कठिन होता है, यह कई तरह की भावनाओं को जन्म देता है जैसे कि दुख, चिंता, गुस्सा, सदमा, दर्द, भ्रम, आक्रोश, अपराधबोध और यहां तक कि ईर्ष्या भी। जैसे ही कोई रोमांटिक रिश्ता खत्म होता है, लोगों को अक्सर अपने दोस्तों और परिवार से दूर हटने की इच्छा होती है, जिससे उन रिश्तों पर दबाव पड़ सकता है और अलगाव और अकेलेपन की भावनाएँ तेज हो सकती हैं। ब्रेकअप के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को पहचानना उपचार प्रक्रिया में नेविगेट करने और भावनात्मक लचीलापन बनाने के लिए आवश्यक है। यह सिर्फ़ एक भावनात्मक उथल-पुथल ही नहीं होती बल्कि यह कई शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकती है। अक्सर ब्रेकअप से निपटने के बाद व्यक्ति सोचता है की उसे हर काम में असफलता मिल रही है। ये मानसिक रूप से उसे कमज़ोर बना सकता है। ब्रेक अप से जुडी समस्याओँ को दूर करने के लिए आगे पढ़ें।
ब्रेकअप के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
दुःख और भावनात्मक पीड़ा
ब्रेकअप अक्सर ग़म के समान तीव्र भावनात्मक पीड़ा को जन्म देता है, जिससे रोना, चिड़चिड़ापन और बढ़ी हुई चिंता होती है। रिश्ते का खत्म होना किसी के अपने आप की भावना को बाधित कर सकता है, जिससे आत्म-संदेह और कम आत्म-सम्मान होता है। कई लोग ब्रेकअप के बाद खुद को अलग-थलग कर लेते हैं, ऐसे सामाजिक संपर्कों से दूर रहते हैं जो उन्हें अपने पूर्व प्रेमी या प्रेमिका की याद दिला सकते हैं। भावनात्मक संकट नींद के पैटर्न में हस्तक्षेप कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अनिद्रा हो सकती है। भावनात्मक दर्द अक्सर शारीरिक रूप से प्रकट होता है, जिसके परिणामस्वरूप सिरदर्द, पेट में दर्द और थकान जैसे लक्षण होते हैं।
सामाजिक अलगाव और एकांत
ब्रेकअप के बाद, बहुत से लोग खुद को सामाजिक दायरे से दूर कर लेते हैं, वे ऐसे लोगों से बात करना कम कर देते हैं जो उन्हें उनके पूर्व साथी की याद दिलाते हैं। यह सामाजिक अलगाव उनकी भावनाओं को और अधिक बढ़ा सकता है, जिससे अवसाद और चिंता में वृद्धि हो सकती है। सामाजिक समर्थन की कमी से मानसिक स्वास्थ्य में गंभीर समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। इसके विपरीत, दोस्तों और परिवार से जुड़े रहने से लोगों को भावनात्मक रूप से बेहतर होने में मदद मिल सकती है।
आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास में कमी
रिश्ता टूटने के बाद खुद पर संदेह होना आम बात है। यह एक व्यक्ति की आत्म-छवि को गहराई से प्रभावित कर सकता है, जिससे वे खुद के बारे में नकारात्मक भावनाओं से ग्रस्त हो सकते हैं। वे अपनी पहचान और मूल्य को लेकर संशय में पड़ सकते हैं। आत्म-सम्मान में कमी निराशा, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए आत्म-सम्मान को बनाए रखना और आत्म-विश्वास बढ़ाना ब्रेकअप से उबरने के लिए महत्वपूर्ण है।
ब्रेकअप से उबरने के तरीके
भावनाओं को स्वीकार करना और ग़म करना
यह समझना ज़रूरी है कि ब्रेकअप से जुड़ा दर्द और दुख सामान्य बात है। अपनी भावनाओं को दबाने के बजाय, उन्हें पहचानें और स्वीकार करें। रोना, गुस्सा होना या उदासी महसूस करना पूरी तरह से स्वाभाविक है। यह स्वीकार करना ही पहला कदम है, जिससे आप आगे बढ़ने की ओर अग्रसर हो सकते हैं। समय निकालकर खुद को ग़म करने दें। याद रखें कि यह एक प्रक्रिया है, और इस प्रक्रिया में समय लगेगा।
स्व-देखभाल पर ध्यान देना
स्व-देखभाल आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए अत्यंत ज़रूरी है। इसमें पर्याप्त नींद लेना, पौष्टिक आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तनाव कम करने के तरीके अपनाना शामिल है। जैसे ध्यान, योग या अपनी पसंदीदा गतिविधि में संलग्न होना। अपने लिए समय निकालना और अपनी देखभाल करना, आपको खुद को फिर से बनाने और ब्रेकअप से उबरने में मदद करेगा।
सामाजिक समर्थन लेना
अपने दोस्तों, परिवार या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से अपनी भावनाओं के बारे में बात करना बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी बात साझा करने से आपको भावनात्मक रूप से समर्थन मिलेगा और आपकी भावनाओं को संसाधित करने में मदद मिलेगी। समझदारी और सहानुभूतिपूर्ण व्यक्ति आपकी भावनाओं को प्रोसेस करने में आपकी मदद कर सकते हैं और आपको एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में भी मदद कर सकते हैं। सामाजिक संबंध बनाए रखना ब्रेकअप के दौरान बेहद जरूरी होता है।
पेशेवर मदद लेना
यदि आप ब्रेकअप के बाद अपने आप को बेहतर महसूस नहीं कर पा रहे हैं, तो पेशेवर सहायता लेना ज़रूरी है। एक थेरेपिस्ट या काउंसलर के पास जाकर बात करना आपको अपने दर्द को संसाधित करने, स्वस्थ तरीकों से आगे बढ़ने और भावनात्मक रूप से मज़बूत बनने में मदद कर सकता है। वे आपके आत्म-सम्मान को बढ़ाने और अपने भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार के लिए तकनीकें और रणनीतियाँ भी सिखा सकते हैं।
ब्रेकअप से निपटने के टिप्स
सोशल मीडिया से दूरी बनाएँ
अपने पूर्व प्रेमी या प्रेमिका के सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल को देखने से बचें। ऐसा करने से आपको दर्द और ईर्ष्या की भावनाएँ उभर सकती हैं। सोशल मीडिया पर उन यादों को देखना जो आपको परेशान करती हैं, उन्हें छोड़ देने से आप आगे बढ़ पाएँगे। यह कठिन हो सकता है, परंतु अपनी मानसिक सेहत को बनाए रखने के लिए यह एक आवश्यक कदम है।
सकारात्मक गतिविधियों में लगे रहें
अपने पसंदीदा शौक पर दोबारा ध्यान दें, नई गतिविधियों का प्रयास करें, किसी कोर्स में दाखिला लें या अपने दोस्तों के साथ समय बिताएँ। ऐसा करने से आप अपने मन को व्यस्त रखेंगे और अपने ब्रेकअप के बारे में ज़्यादा नहीं सोचेंगे। सकारात्मक अनुभवों को बढ़ावा देने से नई ऊर्जा मिलती है और फिर से खुद पर यकीन करने में मदद मिलती है।
स्वस्थ सीमाएँ निर्धारित करें
अपने पूर्व प्रेमी या प्रेमिका के साथ सीमाओं को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें अपनी ज़िंदगी से पूरी तरह से हटा दें। पर यह जरूर ध्यान रखें कि बातचीत से या उनके साथ संपर्क में रहकर अपनी मानसिक और भावनात्मक स्थिति खराब न होने दें। ज़रूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें।
टेकअवे पॉइंट्स:
- ब्रेकअप भावनात्मक और शारीरिक रूप से परेशान करने वाला हो सकता है, लेकिन यह एक अस्थायी अवस्था है।
- अपनी भावनाओं को स्वीकार करना और ग़म करने की अनुमति देना, स्वस्थ प्रक्रिया है।
- स्व-देखभाल, सामाजिक समर्थन और पेशेवर सहायता से आप ब्रेकअप से उबरने में मदद मिल सकती है।
- सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना और सकारात्मक गतिविधियों में शामिल होना, उपचार प्रक्रिया को गति दे सकता है।
- अपनी भावनात्मक और शारीरिक सेहत पर ध्यान देने से आप फिर से स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
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