ओपनएआई के व्हिस्पर मॉडल द्वारा उत्पन्न भ्रामक लेखन की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय है। यह लेख व्हिस्पर द्वारा उत्पन्न गलतियों, इसके संभावित नकारात्मक परिणामों और भविष्य के समाधानों पर चर्चा करता है।
व्हिस्पर: सटीकता और भ्रामकता के बीच संघर्ष
ओपनएआई द्वारा विकसित व्हिस्पर, एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित ट्रांसक्रिप्शन टूल है, जिसे मानव-स्तरीय सटीकता और मज़बूती के लिए जाना जाता है। हालाँकि, हाल के अध्ययनों और विशेषज्ञों के साक्षात्कारों से पता चला है कि व्हिस्पर में एक गंभीर खामी है: यह अक्सर गलत जानकारी या पूर्ण वाक्य उत्पन्न करता है, जिसे “हॉलूसिनेशन” कहा जाता है। ये हॉलूसिनेशन न केवल छोटी-मोटी गलतियाँ ही नहीं हैं, बल्कि नस्लीय टिप्पणियाँ, हिंसक बयान, और काल्पनिक चिकित्सा उपचार जैसी गंभीर समस्याएँ भी पैदा कर सकते हैं।
भ्रामकता की व्यापकता
कई शोधकर्ताओं और इंजीनियरों ने स्वतंत्र रूप से व्हिस्पर द्वारा उत्पन्न हॉलूसिनेशन की उच्च घटना दर की सूचना दी है। कुछ अध्ययनों में, 10 में से 8 ऑडियो ट्रांसक्रिप्शन में हॉलूसिनेशन पाए गए, जबकि अन्य में 100 घंटे से अधिक के ऑडियो विश्लेषण में लगभग आधे में गलत जानकारी पाई गई। यहाँ तक कि छोटे, स्पष्ट ऑडियो नमूनों में भी हॉलूसिनेशन पाए गए हैं, जिससे लाखों रिकॉर्डिंग पर हज़ारों गलत ट्रांसक्रिप्शन की संभावना बढ़ जाती है।
भ्रामक लेखन के परिणाम
व्हिस्पर की भ्रामकता के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, खासकर चिकित्सा क्षेत्र में। गलत ट्रांसक्रिप्शन से गलत निदान, अनुपयुक्त उपचार और रोगी की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके अतिरिक्त, बहरे और श्रवण बाधित लोगों के लिए, जिनके लिए व्हिस्पर द्वारा प्रदान किए गए क्लोज्ड कैप्शनिंग पर निर्भरता होती है, गलत जानकारी और अधिक हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा, साक्षात्कारों और सार्वजनिक बैठकों के ट्रांसक्रिप्शन में गलत जानकारी ग़लतफ़हमी और भ्रामक निष्कर्षों को जन्म दे सकती है।
व्हिस्पर के उपयोग और खतरे
व्हिस्पर की लोकप्रियता और इसका व्यापक उपयोग इसकी भ्रामकता की चिंता को और भी गंभीर बनाता है। यह ओपनएआई के प्रमुख चैटबॉट ChatGPT में एकीकृत है, और ऑरेकल और माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड कम्प्यूटिंग प्लेटफॉर्म में एक अंतर्निहित सुविधा के रूप में उपलब्ध है। इसके अलावा, इसे कई भाषाओं में ऑडियो को ट्रांसक्राइब और अनुवाद करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म HuggingFace से पिछले एक महीने में 4.2 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किए जाने से इसके व्यापक उपयोग का पता चलता है। यह कॉल सेंटर से लेकर वॉयस असिस्टेंट तक विभिन्न अनुप्रयोगों में उपयोग किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवा में जोखिम
चिंताजनक बात यह है कि कई अस्पताल और चिकित्सा केंद्र डॉक्टरों के साथ रोगियों की बातचीत को ट्रांसक्राइब करने के लिए व्हिस्पर-आधारित उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं, भले ही ओपनएआई ने “उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों” में इसके उपयोग के खिलाफ चेतावनी दी हो। हालाँकि कुछ कंपनियाँ मेडिकल भाषा पर प्रशिक्षित व्हिस्पर-आधारित मॉडल का उपयोग कर रही हैं और ट्रांसक्रिप्शन में संशोधन के लिए क्लिनिकल समीक्षा प्रदान कर रही हैं, फिर भी मूल ऑडियो की अनुपलब्धता सटीकता जाँच को कठिन बनाती है और गलतियों के जोखिम को बढ़ाती है। यह रोगी की गोपनीयता और देखभाल की गुणवत्ता के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
समाधान और भविष्य के मार्ग
व्हिस्पर द्वारा उत्पन्न हॉलूसिनेशन की समस्या को दूर करने के लिए कई समाधान प्रस्तावित किए गए हैं। ओपनएआई ने स्वीकार किया है कि वे लगातार भ्रामकता को कम करने के तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं और मॉडल अपडेट में प्रतिक्रिया को शामिल करते हैं। हालाँकि, विशेषज्ञों और पूर्व ओपनएआई कर्मचारियों का मानना है कि इस समस्या को प्राथमिकता देने और सक्रिय रूप से हल करने की आवश्यकता है। यह सरकारी विनियमन के साथ-साथ ओपनएआई जैसे कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा और सटीकता सुनिश्चित करें।
विनियमन और नैतिक चिंताएँ
यह जरूरी है कि एआई प्रौद्योगिकियों के विकास और उपयोग में नैतिक विचारों और सुरक्षा मानकों को शामिल किया जाए। सरकारी विनियमन एआई मॉडल की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। उपभोक्ताओं को भी यह समझने की आवश्यकता है कि एआई सिस्टम सीमित हैं और पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, एआई विकसित करने वाली कंपनियों को ऐसी प्रौद्योगिकियों के संभावित जोखिमों और नुकसानों को पहचानने और उन्हें कम करने के लिए ज़िम्मेदार हैं।
निष्कर्ष:
ओपनएआई का व्हिस्पर ट्रांसक्रिप्शन मॉडल, अपनी उन्नत क्षमताओं के बावजूद, हॉलूसिनेशन की समस्या से जूझ रहा है जिससे संभावित नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, विशेष रूप से चिकित्सा और अन्य उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों में। इस समस्या का समाधान ओपनएआई, विनियामक निकायों और उपयोगकर्ताओं के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। मॉडल की निरंतर सुधार और उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाना, साथ ही एआई विकास में पारदर्शिता और नैतिक मानदंडों पर ध्यान केंद्रित करना, इस समस्या के लिए सबसे उपयुक्त समाधान हैं।
मुख्य बिंदु:
- व्हिस्पर में भ्रामक जानकारी उत्पन्न करने की प्रवृत्ति होती है, जिसे हॉलूसिनेशन कहा जाता है।
- हॉलूसिनेशन नस्लीय टिप्पणियाँ, हिंसक बयान और काल्पनिक चिकित्सा जानकारी शामिल कर सकते हैं।
- व्हिस्पर का व्यापक उपयोग इसके संभावित नकारात्मक परिणामों को बढ़ाता है।
- चिकित्सा क्षेत्र में इसके उपयोग से गलत निदान और रोगी की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- समस्या को हल करने के लिए ओपनएआई, सरकारों और उपयोगकर्ताओं के बीच सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह jansandeshonline@gmail.com पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।