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महाराष्ट्र 2024: क्या होगा सत्ता का समीकरण?

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महाराष्ट्र 2024: क्या होगा सत्ता का समीकरण?
महाराष्ट्र 2024: क्या होगा सत्ता का समीकरण?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि महा विकास अघाड़ी (MVA) शनिवार तक सीट बंटवारे की रणनीति तय नहीं करती है, तो वह गठबंधन छोड़कर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 25 उम्मीदवार उतारेगी। सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबु आजमी ने एमवीए के सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाक़ात कर अपनी नाराज़गी व्यक्त की और छोटे दलों को प्राथमिकता के आधार पर सीटें आवंटित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। नामांकन दाखिल करने की समय सीमा बहुत करीब आ रही है। सपा ने पहले ही पांच उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है और सात और सीटों की मांग की है।

सपा का एमवीए पर आक्रोश और सीट बंटवारे का विवाद

अबु आजमी का आरोप और चेतावनी

अबु आजमी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमने जो 5 उम्मीदवार घोषित किए हैं, वे जीतने वाले हैं। मैं इतना इंतज़ार नहीं कर सकता जितना ये (एमवीए) लोग कर रहे हैं। केवल 2 दिन बचे हैं। यह दुखद है कि जो सरकार बनाने की बात कर रहे हैं, वे टिकट बांट नहीं रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “महा विकास अघाड़ी की इतनी देरी करना एक बड़ी गलती है। मैंने पवार साहब (शरद पवार) को अपनी दुखती रग बताई। मैंने उन्हें बताया कि मैंने 5 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अगर आप मुझे जवाब देते हैं, तो ठीक है, नहीं तो मेरे पास 25 उम्मीदवार तैयार हैं।”

कांग्रेस पर विश्वासघात का आरोप

आजमी ने कांग्रेस पर अपने दल के साथ “धोखा” करने का आरोप लगाया और कहा, “मैं डर रहा हूँ क्योंकि कांग्रेस ने मुझे दो बार धोखा दिया है। उन्होंने (शरद पवार) मुझसे कल तक इंतज़ार करने को कहा।” उन्होंने आगे कांग्रेस की चुनावी असफलताओं के लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा उच्च कमान पर अत्यधिक निर्भरता को ज़िम्मेदार ठहराया। “कांग्रेस इसलिए हारती है क्योंकि वे दिल्ली जाते रहते हैं और यहाँ फैसले नहीं लेते,” आजमी ने कहा।

एमवीए में सीट बंटवारे की जटिलताएँ

तीन मुख्य दलों के बीच गतिरोध

एमवीए के मुख्य घटक दल, कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) 288 विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर लंबे समय से चर्चा कर रहे हैं। यह अन्य सहयोगी दलों को भी परेशान कर रहा है जो अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करना, नामांकन दाखिल करना और चुनाव प्रचार शुरू करना चाहते हैं।

सीट बंटवारे पर हुई प्रगति और बाकी बची चुनौतियाँ

अब तक, तीनों पार्टियों ने 85-85 सीटों (कुल 255) पर सहमति बना ली है, और अन्य 15 सीटों (कुल 270) पर अनौपचारिक समझौता हो गया है। बाकी 18 सीटों का बंटवारा सपा, किसान कामगार पार्टी, सीपीआई, सीपीआई (एम), आप आदि सहयोगी दलों में होना है। यह सीटों का बंटवारा प्रमुख चुनौती बना हुआ है जिसके कारण सपा जैसे छोटे दल असंतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।

छोटे दलों की चिंता और चुनावी समीकरण

समय की कमी और नामांकन की समय सीमा

नामांकन दाखिल करने की समय सीमा नज़दीक आने के साथ ही छोटे दलों की चिंता बढ़ गई है। वे अपनी रणनीति तय करने और उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए पर्याप्त समय की मांग कर रहे हैं। सीट बंटवारे में देरी से नामांकन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है।

गठबंधन की स्थिरता पर संकट

सपा की चेतावनी से एमवीए गठबंधन की स्थिरता पर सवालिया निशान लग गया है। यदि सपा गठबंधन छोड़ती है, तो इससे एमवीए की चुनावी रणनीति पर असर पड़ सकता है। यह छोटे दलों को लेकर एमवीए की रणनीति पर भी सवाल उठाता है।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सीटों के बंटवारे को लेकर एमवीए में चल रहा विवाद चिंता का विषय है। सपा का गठबंधन छोड़ने का खतरा एमवीए के लिए एक बड़ी चुनौती है। समय पर सीटों का बंटवारा न होना गठबंधन की एकता को कमजोर कर सकता है और चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है। छोटे दलों को अपनी मांगें पूरी कराने के लिए अधिक जोरदार तरीके से आगे आना पड़ सकता है।

मुख्य बातें:

  • सपा ने एमवीए पर सीट बंटवारे में देरी का आरोप लगाया है।
  • सपा ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर सीटें नहीं मिलीं तो वह 25 उम्मीदवार उतारेगी।
  • एमवीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
  • छोटे दलों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि नामांकन की समय सीमा नज़दीक आ रही है।
  • सपा के जाने से एमवीए की चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है।
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