लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ व मेरठ में संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश दावा अधिकरण बनाने के लिए कदम उठाने वाला पहला प्रदेश भी बन गया है। कर्नाटक ने भी सोमवार को योगी सरकार के इस मॉडल को चुना है। सूबे में किसी राजनीतिक जुलूस, विरोध-प्रदर्शनों या आंदोलन के दौरान यदि सार्वजनिक या निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए दावा अधिकरणों में अपील की जा सकेगी। दावा अधिकरण को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां हासिल होंगी और वह उसी रूप में काम करेगा। दावा अधिकरण का फैसला अंतिम निर्णय होगा और उसके विरुद्ध किसी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकेगी।
बताया गया कि क्षतिपूर्ति पाने के लिए संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना के तीन माह के अंदर दावा अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना होगा। अधिकरण को आवेदन में 30 दिन के विलंब को माफ करने की शक्ति भी होगी, लेकिन आवेदक को इसके लिए विलंब की सही वजह बताकर अधिकरण को संतुष्ट करना होगा। किसी संपत्ति को नुकसान की एफआईआर पर आधारित संबंधित सीओ की रिपोर्ट और इस दौरान एकत्र की गई अन्य सूचनाएं प्राप्त होने पर डीएम, पुलिस आयुक्त या कार्यालय प्रमुख को लोक संपत्ति को क्षति पहुंचाए जाने की तारीख से तीन माह के अंदर अधिकरण के समक्ष दावा याचिका पेश करनी होगी।
निजी संपत्ति के मालिक को संबंधित थानाध्यक्ष से ऐसी रिपोर्ट की प्रति हासिल करके अपनी दावा याचिका तीन माह के अंदर दाखिल करनी होगी। सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2020 लाने की भी तैयारी है। बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा में सार्वजनिक व निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया था। तब सरकार ने उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति की कसरत शुरू की थी। इस कड़ी में मार्च माह में सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश-2020 लागू किया था, जिसके तहत लोक व निजी संपत्ति को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए दावा अधिकरणों के गठन का प्रावधान भी किया गया था।
ये होंगे कार्यक्षेत्र
- लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण के अंतर्गत झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवी पाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती व विंध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार होंगी।
- मेरठ मंडल के दावा अधिकरण के अंतर्गत सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली व आगरा मंडल की याचिकाएं स्वीकार होंगी।
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