कुशीनगर : आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राधे कोइरी ने यही सोचा होगा कि स्वतंत्रता मिलने के बाद मरने पर उनके परिवार के लोगो में खुशहाली आएगी। लेकिन स्वतंत्रता के इतने वर्ष बीतने बाद भी सेनानी के परिवार का नाती के पास खुशहाली आना तो दूर बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिलीं। एेसे मे इस सेनानी परिवार का एक मात्र 40 वर्षिय नाती संजय कुशवाहा आज भी मजदूरी करके अपने परिवार में लोगों के के बीच मजदूरी करके अपने परिवार के लोगों को के बीच जीवन काट रहा है । हालाकी आजादी के दीवाने के इस परिवार को एक अदद मिलने वाला सरकारी आवास भी नहीं मिल सका है।
आजादी के पूर्व अंग्रेजों के निशाने पर मेरे नाना थे तो आज आजादी मिलने के बाद बर्तमान की सरकारे व प्रशासन की उपेक्षा के सिकार अब मै हुं । जो आज भी मजदूरी करके अपने परिवार के बीच जीवन काट रहा हू,आज तक हम को जरूरी सुविधाएं मिली ही नहीं हैं। इतना ही नहीं इस गांव की हम बात करें तो ऐसा लगता है कि इस गांव गांव में प्रवेश करने वाली सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, हालांकि जिला प्रशासन जिस तेजी से जनपद के अन्य गांव को सरकारी सुविधा से मुहैया कराता चला आ रहा है,वही इस गांव की हालत इस तरह है कि गांव में दो-दो सेनानी रहने के बावजूद भी इस गांव के लोगों को गांव से होकर बाजार तक जाने के लिए शुद्ध सड़क तक नहीं सही ढंग से बन पा रहा है।
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