Home उत्तर प्रदेश क्यों बेखबर हैं अधिकारी अवैध नरसिंग होम से

क्यों बेखबर हैं अधिकारी अवैध नरसिंग होम से

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

जनपद बाराबंकी ग्राम घुघटेर मै बना स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक की मिलीभगत से चल रहा है फर्जी नर्सिंग होम ।यह मामला ग्राम बचकानी का सामने आया है । बचकानी में एक दबंग यादव नर्सिंग होम चला रहे हैं । जबकि बचकानी में यादव मेडिकल के नाम से दुकान है। उसी दुकान में एक नर्सिंग होम अवैध रूप से चलाया जा रहा है और उस नर्सिंग होम को डॉक्टर रामाकांत यादव जोकि फार्मासिस्ट के नाम पर दवा की दुकान खोल रखी है और उसी की आड़ में अवैध रूप से कई मरीजों को भर्ती करके बिगो लगाए हुए साथ बेड पर पड़े हुए मरीजों का इलाज करते हुए पाए गए।

 

जबकि डॉ रमाकांत को बिना डिग्री के और बिना लाइसेंस के नर्सिंग होम चलाने का अधिकार नहीं है। विश्वस्त सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ तो कई पत्रकारों ने पहुंचकर नर्सिंग होम के अंदर  देखा कि यह नर्सिंग होम कई सालों से अवैध रूप से चलाया जा रहा है । डॉ रमाकांत से पूछा गया तो डॉक्टर रमाकांत ने कई डाक्टरों से बात कराई लेकिन उन डाक्टरों ने अपना पल्ला झाड़ कर कहा कि हमारा इस नर्सिंग होम से किसी भी प्रकार का कोई वास्ता नहीं है। ज्ञ्यात हुआ कि डॉ रमाकांत खुद ही 8 पास करने के बाद स्वयं डॉक्टर बनकर ग्राम वासियों का ट्रीटमेंट करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं । इसी क्रम में जब पत्रकार स्वास्थ्य अधीक्षक के पास शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। उसके बाद उनकी पत्रकारों ने डॉ रमाकांत से मुलाकात फोन पर करवाई तो उन्होंने कहा कि मेरे जानकारी में ए मामला नहीं आया था और मैं चल रहे अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करूंगा। उसके बाद पत्रकारों की टीम निकल कर जैसे ही टिकट गँज पहुंचती है तो डॉ रमाकांत दबंगई के चलते कई मीडिया कर्मियों का फोन करके दबाव डालने का प्रयास किया , लेकिन पत्रकारों ने कहा कि अगर यह मामला आपके संज्ञान में उचित लगता है तो मैं इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करूंगा।

उन्होंने कहा कि जाओ इतने बड़े पत्रकार नहीं हो जो बिगाड़ सको बिगाड़ लेना मैं अपनी डिस्पेंसरी को स्वास्थ्य अधीक्षक घूंघटेर का आशीर्वाद प्राप्त है और मुझे किसी प्रकार का डर नहीं ।तो मामला फर्जी नर्सिंग होम का नहीं है मामला सरकारी अधिकारियों के रवैया पर और इनके संरक्षण मैं चल रहे अवैध नर्सिंग होम चल रहे हैं और सरकारी अधिकारी की जानकारी में होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं करना एवं ग्राम वासियों के साथ उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना यह न्याय संगत नहीं है।

जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री जी स्वास्थ्य और शिक्षा पर अरबों रुपया ग्राम सभा के स्वास्थ्य केंद्रों पर खर्च कर रही है लेकिन ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में यादव मेडिकल स्टोर फार्मासिस्ट जैसे दबंग डॉक्टर रमाकांत जैसे लोगों पर फर्जी तरीके से हॉस्पिटल चलाना और गांव वालों के साथ जीवन से खिलवाड़ करना और ऐसे लोगों के ऊपर कार्यवाही करना स्वास्थ्य अधीक्षक की जिम्मेदारी होती है अब देखने वाली बात है उत्तर प्रदेश सरकार इस प्रकरण में क्या कार्यवाही करती है।

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