बिजनेस– सरकार निजीकरण की ओर तेजी से बढ़ रही है। बीते साल जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट प्रस्तुत किया तो उन्होंने विनिवेश हेतु 65,000 करोड़ का लक्ष्य रखा था।
वही अब यह स्पष्ट हो गया है कि जनवरी तक सरकार निजीकरण की पटरी पर गाड़ी तेजी से दौड़ा देगी और बोलियां लगाना शुरू हो जाएगा।
सरकार से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. कॉनकॉर की रण्नीतिक बिक्री अगले वित्त वर्ष में पूरी होने का अनुमान है क्योंकि इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 10 महीने का वक्त लगता है।
वही कॉरपोरेट मामले में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) की नॉन-कोर और लैंड एसेट्स को अलग करने की मंजूरी भी इसी महीने मिलने की उम्मीद है।
क्योंकि चालू वित्त वर्ष मार्च में खत्म हो रहा है. ऐसे में अब वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सरकार की ओर से कोई और रणनीतिक विनिवेश करने की उम्मीद नहीं है।
इसलिए 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पाने के लिए सरकार छोटी हिस्सेदारी की बिक्री पर जोर दे सकती है।
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