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पर्यटन विभाग द्वारा नृसिंहनाथ एवं हरिशंकर मंदिर के विकास के मास्टर प्लान पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रस्तुति

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भुवनेश्व

बिस्वरंजन मिश्रा

गंधमर्दन पहाड़ियों पर जुड़वां मंदिरों के तीर्थ यात्रियों के उत्थान के लिए हरिशंकर-नृसिंहनाथ परियोजना के लिए विकास योजना दिसंबर २०२२  तक पूरी होने की संभावना है। मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक के समक्ष आज एक प्रस्तुति दी गई। गंधमर्दन क्षेत्र में हरिशंकर और नृसिंहनाथ मंदिरों में स्थायी पर्यटन के लिए एक एकीकृत विकास योजना पर। परियोजना का उद्देश्य गंधमर्दन पहाड़ियों पर हरिशंकर और नृसिंहनाथ के जुड़वां मंदिरों के तीर्थयात्रियों और आगंतुक अनुभव में सुधार करना है। धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र और साहसिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे मंदिर क्षेत्र का विकास किया जाएगा। परियोजना के मास्टर प्लान में वाहनों की सड़क और पार्किंग के उन्नयन के साथ कनेक्टिविटी, वेंडिंग जोन का उन्नयन, धार्मिक सड़क, सांस्कृतिक प्लाजा, सांस्कृतिक परंपराओं के लिए केंद्र के साथ आगंतुक सुविधाएं और हर्बल केंद्र, सार्वजनिक पार्क और पिकनिक जोन के साथ प्लाजा शामिल हैं। किड्स प्ले एरिया, एम्फीथिएटर और सौंदर्यीकरण और प्रकाश व्यवस्था के साथ मंदिर सुविधाओं का उन्नयन, धर्मशाला, भोग मंडप और रसोई का जीर्णोद्धार। बेंच, इंफॉर्मेशन साइनेज, शौचालय, कैफे और वॉच टावर जैसे सक्रिय स्थानों के साथ पहाड़ियों पर ट्रेकिंग के लिए १८ किलोमीटर के रास्ते का भी प्रस्ताव है। हरिशंकर और नृसिंहनाथ के विकास पर यह तीसरी बैठक थी। बैठक का संचालन मुख्यमंत्री के सचिव (५ -टी) श्री वी.के. पांडियन.ओटीडीसी अध्यक्ष श्रीमयी मिश्रा, मुख्य सचिव श्री सुरेश महापात्र, विकास आयुक्त श्री पी.के. बैठक में जेना, एसीएस वन मोना शर्मा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

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