मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है जिस पर भारत में अभी भी खुलकर बातचीत नहीं होती है। कई लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन उन्हें शर्मिंदगी या सामाजिक कलंक के डर से अपनी बात किसी से नहीं कह पाते हैं। यह एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान तभी संभव है जब हम इस विषय पर खुलकर बात करेंगे और जागरूकता फैलाएंगे। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (निम्हंस), नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेस (एनसीबीएस) और रोहिणी नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज (आरएनपी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मनोत्सव, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य उत्सव 2024 का आयोजन किया गया। यह उत्सव 26 अक्टूबर 2024 को शुरू हुआ और दो दिनों तक चला। इस उत्सव का उद्देश्य पूरे भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा को बढ़ावा देना, विशेषज्ञों, कलाकारों और समुदायों को एक साथ लाना, कलंक से लड़ना और जागरूकता बढ़ाना था।
मनोत्सव: एक राष्ट्रीय मंच
मनोत्सव, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य उत्सव ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात किया है। यह उत्सव विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, कलाकारों और समुदायों को एक मंच पर लाकर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाता है। इसमें विशेषज्ञ-संचालित चर्चाएँ, कला प्रदर्शन, इंटरैक्टिव कार्यशालाएँ और सूचनात्मक स्टॉल शामिल थे। यह समावेशी प्रकृति समाज के व्यापक वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत का विस्तार करने में मदद मिलती है। इस उत्सव में 2000 से अधिक लोगों ने भाग लिया जिसमें छात्र, चिकित्सा पेशेवर, जनता, परामर्शदाता, देखभाल करने वाले और विकास क्षेत्र के पेशेवर शामिल थे।
विशेषज्ञों की राय और धारणाएँ
निम्हंस की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति ने कहा कि मनोत्सव विज्ञान और समाज के बीच और मानसिक कल्याण और बीमारी के बीच एक सेतु बनने की आकांक्षा रखता है। यह मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विश्वसनीय जानकारी साझा करने के लिए एक स्थान बनाता है। रोहिणी नीलेकणी ने कहा कि महामारी के बाद, मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसा विषय बन गया है जिस पर और अधिक चर्चा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे बहुत सारे सार्वजनिक मंच नहीं हैं जो विशेषज्ञों, नागरिक समाज, शोधकर्ताओं और कलाकारों को हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक कल्याण की स्थिति पर बातचीत करने के लिए एक साथ लाते हैं। मनोत्सव ऐसा मंच बनने का प्रयास करता है। प्रो. पडिंजत ने कहा कि हम एक ऐसे अनोखे समय में हैं जहाँ शक्तिशाली नई तकनीकों के उद्भव से भारत और दुनिया भर में मानसिक बीमारी में बदलते मस्तिष्क के कार्य के क्षेत्र में खोज को गति मिल सकती है। ऐसी खोजें मानसिक बीमारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को संभालने के लिए नए और बेहतर समाधानों का एक शक्तिशाली प्रयोजक हो सकती हैं और मानसिक कल्याण का प्रयोजक हो सकती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का महत्व
मानसिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह उत्सव जागरूकता फैलाने और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में एक कदम है। मनोत्सव ने सामाजिक कलंक को कम करने और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल लेने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह समाज के सभी वर्गों तक पहुँचकर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और संसाधन प्रदान करता है। इस प्रकार का उत्सव मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियानों के लिए एक नमूना बन सकता है।
कलंक को दूर करना
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करना इस क्षेत्र में प्रगति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। मनोत्सव ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करके इस कलंक को कम करने में मदद की। यह उत्सव लोगों को समझने और सहानुभूति रखने में मदद करने में मददगार साबित हुआ है, जो मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देता है।
भविष्य के लिए दिशा
मनोत्सव एक सफल कार्यक्रम रहा और इसने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। इस आयोजन की सफलता से यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में समग्र परिवर्तन के लिए सामूहिक प्रयास कितने महत्वपूर्ण हैं। आगे चलकर इस प्रकार के और भी कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता है ताकि भारत में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता को और बढ़ाया जा सके।
निरंतर प्रयासों की आवश्यकता
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सतत जागरूकता और समझ की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रयास, बेहतर नीतियां और अधिक संसाधन महत्वपूर्ण हैं। मनोत्सव की तरह के उत्सव लोगों को अधिक सहानुभूतिपूर्ण और सहायक बनाने में मदद करते हैं, जो बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए आवश्यक है।
निष्कर्ष: जागरूकता और समर्थन से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
मनोत्सव, मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल थी जिसने देश भर में जागरूकता फैलाने में मदद की है। इस आयोजन ने विशेषज्ञों, कलाकारों, और आम जनता को एक मंच प्रदान किया, जिससे समाज में व्याप्त कलंक को दूर करने में मदद मिली और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए। यह एक सराहनीय कदम था जिसने दिखाया कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों और जागरूकता अभियानों से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।
मुख्य बातें:
- मनोत्सव ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- इसने विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और आम लोगों को एक मंच पर लाया।
- इस आयोजन ने सामाजिक कलंक को कम करने में योगदान दिया।
- आगे चलकर ऐसे और अधिक कार्यक्रमों की आवश्यकता है ताकि भारत में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाई जा सके।
- मानसिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और इसे सुधारने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।
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