Home स्वास्थ्य-जीवनशैली Heart Attack का खतरा कम हफ्ते में 1 या 2 बार दिन...

Heart Attack का खतरा कम हफ्ते में 1 या 2 बार दिन में सोने से

22
0

[object Promise]

अगर आपको सोना बहुत पसंद है, झपकी लेना आपकी फेवरिट हॉबी है तो आपके लिए एक खुशखबरी है। हार्ट नाम के जर्नल में प्रकाशित एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि वैसे लोग जो दिन के समय झपकी लेते हैं या सो जाते हैं उन्हें हार्ट अटैक आने का खतरा कम हो जाता है। स्विट्जरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ लॉसेन की रिसर्च टीम ने एक स्टडी की और वे इस नतीजे पर पहुंचे कि वैसे लोग जो हफ्ते में एक या दो बार दिन के समय सोते हैं उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है उन लोगों की तुलना में जो दिन में बिलकुल नहीं सोते।

इस स्टडी के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने 35 से 75 साल के बीच के 3 हजार 462 स्विस अडल्ट्स की गतिविधियों को करीब 5 साल तक ट्रैक किया। जब यह स्टडी शुरू हुई उस वक्त स्टडी में शामिल करीब 58 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उछन्होंने पिछले सप्ताह दिन के समय झपकी नहीं ली थी जबकी 19 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने एक या दो बार झपकी ली। करीब 12 प्रतिशत ने 3 से 5 बार और 11 प्रतिशत ने 6 से 7 बार झपकी ली।

दिन में झपकी लेने पर दिल की बीमारी का खतरा 48% कम
स्टडी के खत्म होने तक अनुसंधानकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि वैसे लोग जिन्होंने हफ्ते में एक या दो बार दिन के समय झपकी ली या सोए उनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का खतरा 48 प्रतिशत तक कम हो गया उन लोगों की तुलना में जो दिन के समय पूरे हफ्ते बिलकुल नहीं सोए। यह स्टडी ऑब्जर्वेशनल थी यानी अनुसंधानकर्ताओं ने इसके कारण और असर पर कोई स्टडी नहीं की कि आखिर क्यों दिन में कभी कभार झपकी लेना हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है।

दिन के समय सिर्फ 20 मिनट की झपकी है काफी
हालांकि स्टडी के लीड ऑथर की मानें तो दिन में झपकी लेना दिन के लिए इसलिए अच्छा माना जा सकता है क्योंकि नींद पूरी न होने पर जो स्ट्रेस का लेवल बढ़ता जाता है वह दिन में झपकी लेने से कम हो जाता है। हालांकि कितनी देर तक सोना है या झपकी लेनी है इस बारे में इस स्टडी में कुछ भी नहीं कहा गया है। लेकिन नैशनल स्लीप फाउंडेशन की मानें तो दिन के वक्त 2

Text Example

Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।