असम में पंचायत प्रमाणपत्र वाले भी एनआरसी में शामिल हों: येचुरी
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) अपडेट करने का काम जल्द पूरा करने की मांग करते हुए सोमवार को कहा कि नागरिकों की सूची में उन सभी लोगों को शामिल किया जाना चाहिए जिनके पास पंचायत की ओर से दिए गए प्रमाणपत्र हैं.
‘डेल्ही एक्शन कमिटी फ़ॉर असम’ (डीएसीए) की ओर से एनआरसी के मुद्दे पर आयोजित एक कार्यक्रम में येचुरी ने कहा, ‘असम में एनआरसी का काम जल्द पूरा होना चाहिए. 31 दिसंबर की समयसीमा की बात की गई है और ऐसे में इस समयसीमा के भीतर ये काम पूरा हो जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास पंचायत की ओर से दिए गए प्रमाणपत्र हैं. बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं. हमारी मांग है कि सूची में पंचायत के प्रमाणपत्र वालों को भी शामिल किया जाना चाहिए.’ डीएसीए के अनुसार असम में ऐसे 27 लाख लोग हैं जिनके एनआरसी से बाहर रहने का ख़तरा है. उसका कहना है कि इनके पास पंचायत के मुखिया की ओर से दिया गया प्रमाणपत्र है और इनमें अधिकतर महिलाएं हैं.
इस कर्यक्रम में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ‘जिस तरह ये देश विविधताओं से भरा है, उसी तरह असम भी है. ये सिर्फ असम का मुद्दा नहीं है. धर्म या भाषा के नाम पर किसी को अलग नहीं किया जा सकता. इसको लेकर उन सभी लोगों को चिंतित होना चाहिए जो ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ में विश्वास करते हैं.’ गौरतलब है कि एनआरसी और नागरिकता का ये मुद्दा उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है.असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हाल में कहा था कि एनआरसी को अपडेट करने का काम साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा और किसी भी वास्तविक नागरिक को परेशानी नहीं होगी.
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