आगरा डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में अंकतालिका जलाते हुए पकड़े गए कर्मचारी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने मामले में जांच बैठाने के साथ ही आरोपित कर्मचारी की संविदा समाप्त करने के संकेत दिए हैं।
आरोपित कर्मचारी विरेश गुप्ता है, जो इतिहास विभाग में काम करता है। कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि कर्मचारी इतनी मात्रा में उक्त अंकतालिकाएं कहां से लाया, उन्हें आग लगाकर नष्ट करने का उसका मकसद क्या था, इन सब सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिलेंगी। फिलहाल मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। दो दिन में प्रारंभिक जांच पूरी कर रिपोर्ट मेरे पास आएगी। उसके आधार पर आरोपित कर्मचारी की सेवाएं समाप्त कर की जाएंगी।
तलाशे जा रहे तार
आरोपित कर्मचारी के पास से करीब तीन हजार अंकतालिका मिली थी, जिनमें से कुछ को वो आग लगा चुका था। अन्य अंकतालिका शिक्षक और अधिकारियों ने उससे छीनकर अपने हवाले ले लीं। ऐसे में अब शक इस ओर भी गहरा रहा है कि वह ऐसा खुद से कर रहा था या ऐसा करने के लिए उसे कहीं से निर्देश मिले थे। यदि वह कहीं और से संचालित हो रहा था, उस साजिश में और कौन-कौन शामिल हैं, या इन अंकतालिका को जलाने से किसे क्या लाभ मिलता। फिलहाल यह सब सवाल ही हैं, जिनका जवाब जांच के बाद ही सामने आ पाएगा।
मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय भले बंद था, लेकिन मामले की चर्चा हर कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी के बीच होती रही। सभी जानने की कोशिश करते रहे कि आखिर माजरा क्या है।
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