कानपुर उद्यमियों व कारोबारियों को एक और बड़ी राहत मिलने जा रही है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आयकरदाताओं की बकाया मांग की धनराशि के विवाद का निपटारा 31 अगस्त तक कर लिया जाए। इसमें यह नहीं देखना है कि उस कारोबारी ने विवाद से विश्वास योजना में शामिल होने की सहमित दी है या नहीं।
सभी विवादित बकाए का होगा आंकलन
बोर्ड ने साफ कहा है कि भूल सुधार, अपील राहत या रिफंड के मामलों में सभी प्रार्थनापत्रों का निस्तारण 31 अगस्त तक करके यह तय कर लिया जाए कि वास्तव में आयकर विभाग को उस कारोबारी से कितनी धनराशि लेनी है। बोर्ड के मुताबिक यह इसलिए जरूरी है कि जो बकाएदार करदाता 31 दिसंबर तक लागू विवाद से विश्वास योजना में शामिल होने के इच्छुक हैं, उन्हें पहले से सही धनराशि की जानकारी हो।
इससे योजना में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ जाएगी। इसके अलावा अगले चार माह में उन कारोबारियों को भी मनाया जा सकता है जो इस योजना में अभी तक शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं। आयकर अधिकारियों के मुताबिक इसलिए सभी विवादित बकाए का आंकलन करने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें भी बताया जा सके कि उन्हें इससे कितना लाभ होगा। साथ ही अपील की चल रही सुनवाई भी खत्म हो जाएगी।
क्या है विवाद से विश्वास योजना
जिन मामलों में आयकर अपील लंबित है। धनराशि बकाया है तो करदाता 31 दिसंबर तक इस योजना को अपना सकता है। इस योजना में 31 दिसंबर तक बकाया आयकर जमा करने पर ब्याज व अर्थदंड की पूरी राशि माफ कर दी जाएगी। देश में 4.83 लाख आयकरदाता इस योजना के पात्र हैं और विभाग के 9.33 लाख करोड़ रुपये इन अपीलों में फंसे हैं।
ये कहना है इनका
- इस योजना का उन कारोबारियों को लाभ होगा, जिनकी अपील फंसी हैं और आयकर का भुगतान करना है। उन्हें 31 अगस्त तक पता चल जाएगा कि उन्हें कितने धन का भुगतान करना है। – सरदार गुरजिंदर सिंह, महामंत्री, उत्तर प्रदेश टिंबर व्यापार मंडल।
- कारोबारी को जब जानकारी होगी कि उसे विवाद से विश्वास योजना में कितना धन देना है और कितना ब्याज, अर्थदंड बच रहा है तो वह योजना में शामिल होने के लिए उत्साहित होगा। – आशीष गुप्ता, टैक्स सलाहकार।
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