कोर्ट से लापता बच्ची का मामला : पुलिसवालों पर हो सकती है कार्यवाही !
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी एवं न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ ने हाल में पुलिस की उस दलील को खारिज कर दिया कि बच्ची का पता लगाने में पुलिस ने हर संभव प्रयास किया और आखिरकार वे इस नतीजे पर पहुंचे कि बच्ची का पता लगाना नामुमकिन है.
पीठ ने सवाल किया कि आखिर पुलिस ने निर्माण स्थलों, घरेलू सहायक एजेंसी, मछुआरों, अवैध भट्टियों, ऑटोमोबाइल गैरेज इत्यादि जगहों पर पूछताछ क्यों नहीं की. जबकि कई बार अपहरण किये गये या गुमशुदा हुए अधिकतर बच्चों की तलाश हमेशा यहीं आ कर खत्म होती है.
पीठ ने टिप्पणी की, पुलिस महकमा ने अपने हाथ बांध लिये हैं और कहते हैं कि बच्ची का पता लगाना नामुमकिन है. पुलिस कहती है कि उन्होंने हर संभव प्रयास किया. दायर रिपोर्ट में यह संकेत नहीं मिलता कि इसके लिये तमाम प्रयास किये गये.उन्होंने कहा, किसी निर्माण स्थल, अवैध भट्टी, गैरेज पर छापा नहीं मारा गया। नागरिक के तौर पर हम अपने आस पास देखते हैं कि कार धुलवाने, घरों एवं बर्तनों की सफाई के काम, बच्चों की देखभाल जैसे काम घरेलू सहायक या कामगार के तौर काम करने वाले बच्चों से कराये जाते हैं. हमें यह समझ नहीं आता कि कैसे पुलिस महकमा इन सभी को देख नहीं पाया. इनमें से कई बच्चे पुलिस में दर्ज गुमशुदगी की शिकायत की विषयवस्तु हो सकते हैं.
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