Home राष्ट्रीय गुजरात सिविल अस्पताल हड़ताल: मरीजों का इलाज अधर में लटका

गुजरात सिविल अस्पताल हड़ताल: मरीजों का इलाज अधर में लटका

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गुजरात सिविल अस्पताल हड़ताल: मरीजों का इलाज अधर में लटका
गुजरात सिविल अस्पताल हड़ताल: मरीजों का इलाज अधर में लटका

गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर व्यवधान पैदा कर दिया है। 1200 से अधिक डॉक्टरों ने अपने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है, जिससे मरीजों को इलाज में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह हड़ताल राज्य के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक, बीजे मेडिकल कॉलेज से जुड़े सुविधा केंद्र के लिए विशेष रूप से परेशानी का सबब बन गया है।

स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग

रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि गुजरात सरकार ने उन्हें अपने स्टाइपेंड में 40% की बढ़ोतरी का वादा किया था जो कि अप्रैल 2023 से लागू होना था। हालाँकि, सरकार ने इसे जुलाई तक लागू नहीं किया। इसके बाद, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल से मुलाकात की, जिन्होंने बढ़ोतरी का आश्वासन दिया था जिसके बाद डॉक्टरों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।

वादाखिलाफी और निराशा

हालाँकि, डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल तब फिर से शुरू कर दी जब उन्हें पता चला कि सरकार ने सिर्फ 20% की बढ़ोतरी की है, जो कि वादे का आधा है। इसके साथ ही, सरकार ने स्टाइपेंड समीक्षा चक्र को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने की भी घोषणा की है।

” सरकार वादा से मुकर रही है “: जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन

जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धवल गमेती ने आरोप लगाया है कि सरकार अपने वादे से मुकर रही है और डॉक्टरों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह “स्टाइपेंड समीक्षा चक्र में बदलाव” पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि इससे डॉक्टरों को भविष्य में भी अन्याय का सामना करना पड़ सकता है।

हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

इस हड़ताल के कारण अस्पताल में मरीजों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। मरीज और उनके परिजन अस्पताल में देखभाल न मिलने के कारण घंटों इंतजार कर रहे हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि वह अपने पीलिया से ग्रस्त रिश्तेदार को राजकोट से लाया था लेकिन डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण इलाज में देरी हो रही है। परिजनों ने कहा कि कई घंटों तक गलियारे में इंतजार करने के बाद उन्हें दूसरे दिन वापस आना होगा।

सरकार के प्रयास और वैकल्पिक व्यवस्थाएं

अस्पताल प्रशासन ने हड़ताल से पैदा हुई स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कई प्रयास किए हैं। सिविल अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक रजनीश पटेल ने बताया कि सभी चिकित्सा और गैर-चिकित्सा कर्मचारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं। अस्पताल ने ड्यूटी टाइम में समायोजन किया है और अन्य जिला अस्पतालों से डॉक्टरों को बुलाया है।

हड़ताल जारी – सरकार और डॉक्टरों के बीच गतिरोध

फिलहाल, डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है। सरकार और डॉक्टरों के बीच गतिरोध बन गया है। सवाल उठ रहा है कि सरकार डॉक्टरों की मांगों को कब और कैसे पूरा करेगी।

Take Away Points

  • रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुई है.
  • हड़ताल के कारण अस्पताल में मरीजों की देखभाल प्रभावित हुई है और मरीजों को लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है।
  • सरकार ने डॉक्टरों के स्टाइपेंड में 40% की बढ़ोतरी का वादा किया था लेकिन केवल 20% बढ़ाया, इसके साथ ही स्टाइपेंड समीक्षा चक्र को भी बदलाव करने की घोषणा की.
  • डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि सरकार वादा से मुकर रही है और उनके साथ विश्वासघात किया है.
  • अस्पताल प्रशासन ने हड़ताल को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं। लेकिन हाल तक हड़ताल जारी है और डॉक्टरों की मांगें पूरी नहीं हुई हैं.
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