जहरीली हवा की वजह से दिल्ली छोड़ रहे राजदूत
केवल वहीं ऐसी राजदूत नहीं हैं जो प्रदूषण की वजह से दिल्ली छोड़कर जा चुकी हैं. कई राजनयिकों ने इस वजह से दिल्ली छोड़ दिया है या फिर छोड़ने का मन बना रहे हैं.
इस मुद्दे पर मैक्सिको की राजदूत ने सीएनएन न्यूज 18 से बातचीत की. उनके शहर को पहले दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर कहा जाता था. उन्होंने भारतीयों से राजनीति से आगे बढ़कर प्रदूषण से लड़ने के लिए कहा.
उन्होंने कहा कि जब टीकाकरण की बात आती है तो कोई राजनीति नहीं होती. ऐसा इसलिए क्योंकि ये हमारे बच्चों के लिए है. इसी तरह प्रदूषण से लड़ने के लिए लोगों को एक साथ आना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत से मैक्सिको में निर्यात की जाने वाली कारों में कैटेलिटिक कन्वर्टर्स होते हैं लेकिन भारत में इस्तेमाल की जाने वाली कारों में ऐसा क्यों नहीं होता.दिल्ली छोड़कर जा चुकी कॉस्टारिका की राजदूत ने अपने निजी ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि वह दिल्ली से दूर पर्यावरण के अनुकूल बेंगलुरु में जा रही हैं. उन्होंने लिखा ‘पिछले हफ्ते दिल्ली में प्रदूषण का स्तर असंभव आंकड़ों तक पहुंच गया. इस हवा में सांस लेने के परिणाम क्या होंगे इसके बारे में मुझे बेंगलुरु आकर बीमार पड़ने के बाद पता चला.’
वहीं कुछ देशों के राजदूत अपनी सरकार से उनकी पोस्टिंग को ‘दुर्गम पोस्टिंग’ घोषित करने की मांग कर रहे हैं. भारत में थाई राजदूत चुंटिटर्न गॉन्गसाक्डी ने पिछले हफ्ते बैंकॉक को एक पत्र भेजा था कि क्या दिल्ली को “दुर्गम पोस्टिंग” के रूप में घोषित किया जा सकता है.
बता दें कई देशों की सरकार अपने राजनयिकों को दुर्गम पोस्टिंग के नाम पर भत्ता देती हैं. ये कई देशों जैसे अफगानिस्तान, इराक, सीरिया जैसे देशों में पोस्टिंग करने पर दिया जाता है. इसके अलावा कुछ देशों में पोस्टिंग को नॉन फैमिली पोस्टिंग कहा जाता है. ऐसे देशों में काबुल और इस्लामाबाद शामिल हैं. इसके साथ ही भारत के लिए भी चिंता बढ़ गई है. अगर समय रहते भारत ने कुछ नहीं किया तो इन देशों की तरह ही इसकी भी स्थिति हे सकती है.
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