‘ नोटबंदी के बाद रद्द पंजीकरण वाली कंपनियों ने 17,000 करोड़ जमा कराए’
नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये जमा कराए थे, जिसे बाद में निकाल लिया गया था.
कालेधन के प्रवाह पर अंकुश के लिए उठाए गए कदमों के तहत अभी तक 2.24 लाख निष्क्रिय कंपनियों का नाम आधिकारिक रिकार्ड से हटा दिया गया है और 3.09 लाख निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है.
कंपनियों के बोर्ड में डमी निदेशकों की नियुक्त रोकने के लिए एक ऐसी व्यवस्था स्थापित की जा रही है जिसमें निदेशक के लिए नए आवेदनों को संबंधित व्यक्ति के पैन या आधार नंबर से जोड़ा जाएगा. सरकारी बयान में कहा गया है कि अभी तक 2.24 लाख कंपनियों का नाम आधिकारिक रिकार्ड से हटाया गया है. ये कंपनियां दो या अधिक साल से निष्क्रिय थीं.
बयान में कहा गया है कि बैंकों से मिली शुरुआती सूचना के अनुसार 35,000 कंपनियों से जुड़े 58,000 बैंक खातों में नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे, जिसे बाद में निकाल लिया गया. इसमें कहा गया है कि एक कंपनी जिसके खाते में 8 नवंबर, 2016 को कोई धन जमा नहीं थी, ने नोटबंदी के बाद 2,484 करोड़ रुपये जमा कराए और निकाले.पिछले साल नवंबर में सरकार ने कालेधन और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए 500 और 1,000 के नोटों को बंद कर दिया था. सरकार ने कहा कि एक कंपनी ऐसी थी जिसके 2,134 खाते थे.
इस तरह की कंपनियों से संबंधित सूचनाओं को प्रवर्तन अधिकारियों से आगे की कार्रवाई के लिए साझा किया गया है. पंजीकरण रद्द कंपनियों के संदर्भ में राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि ऐसी इकाइयों की संपत्तियों के पंजीकरण की अनुमति नहीं दें.
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह jansandeshonline@gmail.com पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।